दिनों-दिन आसमान छूती कीमतों और दूसरे राज्यों से बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण पंजाब की रबर इकाइयां घोर संकट के दौर से गुजर रही हैं।
राज्य की अधिकांश इकाइयां खासकर छोटे और मझोले उद्योग क्षेत्रों की इकाइयां या तो अपनी दुकानें यानी अपने उद्योगों को बंद कर रही हैं या फिर वहां के कामगारों की संख्या में भारी कटौती कर रही हैं।
अगर बीते कुछ साल की बात की जाए तो राज्य में करीब 400 से 450 रबर आधारित इकाइयां थीं। उनमें से ज्यादातर इकाइयां छोटे और मझोले क्षेत्र की थीं। जालंधर कभी अपने चप्पल उद्योग के लिए जाना जाता था लेकिन अब यहां केवल 50 इकाइयां ही मौजूद हैं। उल्लेखनीय है कि आरएसएस 4 की कीमत बढ़ने के साथ ही रबर की कीमतों में भी भारी बढ़ोतरी हुई है।
जहां केरल के कोट्टयम में आरएसएस 4 की कीमत 126 रुपये प्रति किलो है, वहीं दिल्ली में इसकी कीमत 136 रुपये प्रति किलो है। बीते एक साल में रबर के कच्चे माल की कीमत 90 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 136 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है। सूत्रों के मुताबिक अत्याधिक मांग की वजह से केरल के प्राकृतिक रबर में जबरदस्त कमी आई है।