प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को मुंबई के नौसेना डॉकयार्ड में तीन महत्वपूर्ण युद्धपोत – आईएनएस नीलगिरि (INS Nilgiri), आईएनएस सूरत (INS Surat) और आईएनएस वाघशीर (INS Vaghsheer) को देश को समर्पित किया। इस अवसर पर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर नौसेना के “गौरवशाली इतिहास” और आत्मनिर्भर भारत अभियान की सराहना की। उन्होंने कहा कि इन तीन प्रमुख युद्धपोतों का कमीशन भारतीय रक्षा क्षेत्र को मजबूत करने और आत्मनिर्भरता की दिशा में देश के प्रयासों को और सशक्त बनाएगा।
#WATCH महाराष्ट्र: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई के नौसेना डॉकयार्ड में तीन अग्रणी युद्धपोतों INS सूरत, INS नीलगिरि और INS वाघशीर को राष्ट्र को समर्पित किया।
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— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 15, 2025
कार्यक्रम में नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने कहा कि ये तीनों युद्धपोत भारतीय नौसेना की ताकत को बढ़ाने के साथ-साथ समुद्री सुरक्षा को और मजबूत करेंगे। उन्होंने इन जहाजों को भारत के सामुद्रिक हितों की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण बताया।
आइए, जानें इन युद्धपोतों के बारे में सबकुछ
आईएनएस नीलगिरी (INS Nilgiri), प्रोजेक्ट 17ए स्टील्थ फ्रिगेट श्रेणी का पहला युद्धपोत है, जिसे भारत की अग्रणी समुद्री क्षमता को मजबूत करने के लिए तैयार किया गया है। इसे भारतीय नौसेना के वॉरशिप डिज़ाइन ब्यूरो ने डिज़ाइन किया है और मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) में बनाया गया है।
यह युद्धपोत अपने एडवांस स्टील्थ तकनीक और कम रडार सिग्नेचर के साथ शिवालिक क्लास फ्रिगेट्स से कहीं अधिक आधुनिक है। INS Nilgiri में ऐसे फीचर्स शामिल हैं जो इसे समुद्री सर्वाइवल, स्थिरता और संचालन क्षमता के मामले में अगली पीढ़ी के स्वदेशी युद्धपोतों में शामिल करते हैं।
नीलगिरी पर आधुनिक एविएशन सुविधाएं मौजूद हैं, जो इसे हेलीकॉप्टर संचालन के लिए एक फ्लोटिंग प्लेटफॉर्म बनाती हैं। यह MH-60R और एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (ALH) जैसे एडवांस हेलीकॉप्टरों के संचालन में सक्षम है।
इसमें अत्याधुनिक सिस्टम जैसे इंटीग्रेटेड प्लेटफॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम (IPMS), इंटीग्रेटेड कम्युनिकेशन सिस्टम (ICS), ऑटोमैटेड पावर मैनेजमेंट सिस्टम और कॉम्बैट मैनेजमेंट सिस्टम (CMS) शामिल हैं, जो इसे अत्यधिक ऑटोमेशन और दक्षता प्रदान करते हैं।
INS Nilgiri की स्टील्थ क्षमताओं को और मजबूत करने के लिए इसमें रडार-अवशोषित सामग्री, डेक रेल सिस्टम, फ्लश्ड वेपन लॉन्चर्स, ध्वनि अवरोधक और इंफ्रारेड सप्रेशन सिस्टम (IRSS) जैसे फीचर्स दिए गए हैं। यह इसे समुद्र में बेहद कठिन पहचान योग्य बनाता है।
भारत के नीलगिरी पर्वत श्रृंखला के नाम पर रखा गया यह युद्धपोत देश की समुद्री ताकत को नई ऊंचाईयों तक ले जाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह न केवल भारतीय नौसेना के लिए बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का प्रतीक है।
INS सूरत प्रोजेक्ट 15B के तहत बने स्टील्थ विध्वंसक श्रेणी का चौथा और अंतिम जहाज है। यह गुजरात के एक शहर के नाम पर रखा गया पहला जहाज है और भारत में सबसे तेजी से बने विध्वंसक जहाजों में शामिल है। इसे लॉन्च से डिलीवरी तक सिर्फ 31 महीनों में तैयार किया गया, जो एक रिकॉर्ड है।
164 मीटर लंबा और 7500 टन वजनी यह जहाज भारत में बने सबसे बड़े युद्धपोतों में से एक है। यह कोलकाता-क्लास विध्वंसक का उन्नत संस्करण है, जिसमें बेहतर डिजाइन और क्षमताएं शामिल हैं। यह नौसेना के सतह बेड़े के लिए एक महत्वपूर्ण जोड़ है, जो हवा, सतह, पनडुब्बी और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध जैसे सभी क्षेत्रों में संचालन कर सकता है।
INS सूरत को ‘BrahMos’ सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों से लैस किया गया है, जो दुश्मन के जहाजों और तटीय ठिकानों पर लंबी दूरी तक सटीक हमले कर सकती हैं। इसके अलावा, इसमें स्वदेशी ’76 मिमी सुपर रैपिड गन माउंट’ और चार ‘AK 630’ गन जैसे हथियार शामिल हैं, जो सतह और हवाई खतरों को तुरंत पहचानकर नष्ट कर सकते हैं।
जहाज में लगभग 30 अधिकारी और 350 नौसैनिक तैनात रह सकते हैं। महिला अधिकारियों और नौसैनिकों के लिए भी विशेष आवास की व्यवस्था की गई है। जहाज का प्रतीक चिन्ह हजीरा लाइटहाउस को दर्शाता है, जो खंभात की खाड़ी के दक्षिणी प्रवेश द्वार पर स्थित एक प्रमुख समुद्री चिन्ह है।
जहाज का आदर्श वाक्य “सागरे प्रचंड” है, जिसका अर्थ है “समुद्र में प्रचंड।” यह इसके उद्देश्य और ताकत को दर्शाता है। INS सूरत को वारशिप डिज़ाइन ब्यूरो द्वारा डिज़ाइन और मझगांव डॉक लिमिटेड (MDL) में बनाया गया है, जैसा कि INS नीलगिरि के साथ हुआ था।
आईएनएस वाघशीर (INS Vagsheer) भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट-75 के तहत बनने वाली छठी और अंतिम कलवरी-श्रेणी की पनडुब्बी है। इसे दुनिया की सबसे शांत और बहुमुखी डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों में से एक माना जाता है। यह पनडुब्बी दुश्मन के सतह युद्धपोतों और पनडुब्बियों के खिलाफ अभियान चलाने, खुफिया जानकारी जुटाने और अन्य रणनीतिक अभियानों के लिए डिज़ाइन की गई है। इसमें वायर-गाइडेड टॉरपीडो, एंटी-शिप मिसाइल और उन्नत सोनार सिस्टम लगे हैं, जो इसे बेहद खतरनाक बनाते हैं।
इस पनडुब्बी की सबसे खास बात यह है कि यह सतह पर या पानी के अंदर रहते हुए दुश्मन पर सटीक और प्रभावशाली हमला कर सकती है। इसमें एक साथ 18 टॉरपीडो और ट्यूब-लॉन्च एंटी-शिप मिसाइल का इस्तेमाल करने की क्षमता है। इसका अधिकतम गोता लगाने की गहराई 350 मीटर (1,150 फीट) है और यह लगातार 50 दिनों तक समुद्र में रह सकती है।
आईएनएस वाघशीर मॉड्यूलर निर्माण तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, जिससे इसे भविष्य में एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (AIP) जैसी उन्नत तकनीकों से अपग्रेड किया जा सकता है। इस अत्याधुनिक पनडुब्बी को फ्रांस की नेवल ग्रुप ने डिज़ाइन किया है और इसका निर्माण भारत की मझगांव डॉक लिमिटेड ने किया है। यह पनडुब्बी भारतीय नौसेना की ताकत को और मजबूत करेगी और देश की समुद्री सुरक्षा में अहम भूमिका निभाएगी।
🚢 Three Titans; One Remarkable Day🇮🇳
⭐ A proud moment in India’s journey of maritime excellence and self-reliance! 🇮🇳
In a grand ceremony presided over by Hon’ble PM @narendramodi , #IndianNavy⚓ is set to commission three state-of-the-art combat platforms today; a monumental… https://t.co/S3Xg9pbluE pic.twitter.com/UngTRdkfYw
— IN (@IndiannavyMedia) January 15, 2025