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शेयर बाजार से तो इंश्योरेंस भला!

Last Updated- December 10, 2022 | 10:50 PM IST

मंदी और शेयर बाजार में आई गिरावट में अपना निवेश सुरक्षित रखने के लिए छत्तीसगढ़ के निवेशक सरकारी इंश्योरेंस कंपनियों में लगा रहे हैं।
वित्त वर्ष 2008-09 में छत्तीसगढ़ के निवेशकों ने सरकारी इंश्योरेंस कंपनियों और सावधि जमा खातों में निवेश करने को तरजीह दी है। जीवन बीमा निगम  के सूत्रों ने बताया कि 8 दिसंबर 2008 में शुरू हुई एक प्रीमियम वाली जीवन आस्था बीमा योजना को राज्य में लोगों ने हाथोंहाथ लिया है।
सूत्रों ने बताया, ‘लोगों ने इस योजना में लगभग 1,400 करोड़ रुपये निवेश किए हैं।’ अक्टूबर 2008 के बाद से जब मंदी के असर के कारण शेयर बाजार ने ढहना शुरू किया तो निवेशकों ने अपना निवेश राष्ट्रीय बैंकों के सावधि जमा खातों में करना शुरू कर दिया। एक बैंकर ने बताया, ‘सावधि जमा खातों में जमा रकम पर दहाई के आंकड़ों में ब्याज मिलता हैं। पिछले साल अक्टूबर-नवंबर में लोगों ने सावधि जमा खातों में लगभग 600 करोड़ रुपये का निवेश किया है।’
एक शेयर ब्रोकिंग फर्म के वरिष्ठ अधिकारी विद्या भूषण तिवारी ने इस बात की पुष्टि की कि लोग अब शेयर बाजार के बजाय बैंकों के सावधि जमा खातों में निवेश कर रहे हैं। इस दौरान लोगों ने सोने में भी भारी निवेश किया है।
तिवारी ने बताया, ‘पिछले साल फरवरी-मार्च में राज्य के शेयर बाजार ने रोजाना लगभग 100 करोड़ रुपये का कारोबार होता था। लेकिन अब यह घटकर 30-40 करोड़ रुपये ही रह गया है।’
रायपुर के चार्टर्ड अकाउंटेंट लक्ष्मण राठौड़  ने बताया, ‘कर बचाने के लिए लोगों ने सरकारी बीमा कंपनियों में निवेश करने को तरजीह दी है।’ उन्होंने बताया कि कई निवेशकों ने तो बैंकों और शेयर बाजार में पैसा लगाने के जोखिम से बचने के लिए बचत करना ही बेहतर समझा।

First Published - April 4, 2009 | 4:12 PM IST

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