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मप्र में फिर अटका निवेश

Last Updated- December 11, 2022 | 12:06 AM IST

एक तो मंदी और ऊपर से लालफीताशाही, अगर ये दोनों ही एक साथ मिल जाएं तो किसी भी कारोबारी कोशिशों पर ब्रेक लग सकती है।
कुछ ऐसा ही हुआ है मुंबई की डॉलेक्स इंडस्ट्रीज के साथ जो मध्य प्रदेश में तीन अलग अलग इलाकों पर एथेनॉल संयंत्र लगाने की योजना बना रही थी।
कंपनी की इन परियोजनाओं पर करीब 450 करोड़ रुपये के निवेश की योजना थी, पर अब यह मामला फंसता नजर आ रहा है। अगर यह परियोजना मूर्त रूप ले लेती है तो राज्य में यह पहला एथेनॉल संयंत्र होगा। कंपनी ने इन परियोजनाओं को लेकर 2007 में ही राज्य सरकार के साथ समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए थे।
कंपनी के एक सूत्र ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘करीब दो सालों तक इंतजार करने के बाद हमें नरसिंहपुर जिला कलेक्टर की ओर से एक चिट्ठी भेजी गई जिसमें कहा गया था कि हमनें इन परियोजनाओं के लिए जिस जमीन की मांग की थी, वह वन्य क्षेत्र के तहत आती है और इसके आवंटन के लिए केंद्र सरकार की अनुमति जरूरी होगी।’
राज्य परियोजना मंजूरी एवं क्रियान्वयन बोर्ड (पीसीआईबी) और निवेश पर सर्वोच्च समिति ने इन परियोजनाओं को पहले ही ‘सैद्धांतिक मंजूरी दे दी थी।’

First Published - April 11, 2009 | 6:10 PM IST

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