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जयप्रकाश को केंद्र की मंजूरी का इंतजार

Last Updated- December 08, 2022 | 3:02 AM IST

जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (जेएएल) को मध्य प्रदेश में प्रस्तावित 2 लाख टन प्रति वर्ष उत्पादन क्षमता वाले एल्युमिनियम संयंत्र के लिए केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार है।


कंपनी ने पूर्वी मध्य प्रदेश के अमरपाटन और गोविंदगढ़ जिले में बॉक्साइट के खनन का लाइसेंस हासिल करने के लिए आवेदन किया है। राज्य के उद्योग विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि ‘राज्य सरकार ने कंपनी को खनन का पट्टा देने के पक्ष में केंद्र को सिफारिश भेजी है। इस बारे में सितंबर के अंतिम सप्ताह में केंद्र को एक बार फिर संदेश भेजा गया। कंपनी को अभी तक केंद्र की प्रतिक्रिया का इंतजार है।’

हालांकिर् कई करोड़ रुपये निवेश वाली इस परियोजना को लेकर केंद्र सरकार का रुख अभी स्पष्ट नहीं हो सका है। कंपनी ने परियोजना के लिए 200 से 250 मेगावाट क्षमता वाला कैप्टिव बिजली संयंत्र स्थापित करने की योजना भी बनाई है।

कंपनी ने इस सिलसिले में राज्य सरकार की एजेंसी मध्य प्रदेश व्यापार और प्रोत्साहन निगम के साथ समझौता किया था। अधिकारी ने बताया कि ‘परियोजना के तहत 3500 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव है।’ कंपनी ने 3,000 हेक्टेयर क्षेत्र में खनन का पट्टा दिए जाने की मांग की है।

इसके तहत टिकार गांव में 1,008 हेक्टेयर जमीन, गेरुमन गांव में 361 हेक्टेयर जमीन और कटाई दोंगी गांव में 177 हेक्टेयर जमीन मांगी गई है। अधिकारी ने बताया कि कंपनी एल्युमिनियम परिसर की स्थापना के लिए 100 हेक्टेयर अतिरिक्त जमीन की तलाश कर रही है।

एल्युमिनियम परिसर से करीब 2,500 लोगों को रोजगार मिलेगा और रायल्टी, प्रवेश कर, अधिकर जैसे विभिन्न करों के जरिए राज्य सरकार को प्रतिवर्ष 10 से 15 करोड़ रुपये का राजस्व मिलेगा। संयंत्र के चालू होने से रोजगार के करीब 10,000 अतिरिक्त मौके भी तैयार होने की उम्मीद है।

जयप्रकाश एसोसिएट सीधी में 15 लाख टन और सतना में 20 लाख टन प्रतिवर्ष उत्पादन क्षमता वाले दो सीमेंट संयंत्र की स्थापना करने की योजना भी बना रहा है। ये संयंत्र सेल सेल के साथ मिलकर स्थापित किया जाएंगे। कंपनी का मानना है कि राज्य में निवेश की काफी संभावनाएं हैं।

मध्य प्रदेश में जेएएल का कुल निवेश अभी तक 10,000 करोड़ रुपये से अधिक हो चुका है। कंपनी इंजीनियरिंग, निर्माण, विनिर्माण, पन बिजली, ताप बिजली, आतिथ्य सत्कार, एक्सप्रेसवे और रियल एस्टेट क्षेत्र से जुड़ी हुई है।

First Published - November 12, 2008 | 9:15 PM IST

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