ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना में खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने खादी की स्थिति में सुधार लाने के लिए इसके उत्पादन और विपणन को लगभग दोगुना करने की योजना बनाई है। आयोग की अध्यक्ष कुमुद जोशी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि 11वीं योजना के तहत खादी का उत्पादन 14,029 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 27,596 करोड़ रुपये करने का लक्ष्य रखा गया है। ग्रामोद्योग से जुड़े उत्पादन को 13,537 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 26,600 करोड़ रुपये और खादी के उत्पादन को 492 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 996 करोड़ रुपये तक ले जाने की योजना है। आयोग ने बिक्री को बढ़ाकर 17,652 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 31,700 करोड़ रुपये करने की योजना बनाई है। खादी की बिक्री को 663 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1200 करोड़ रुपये और ग्रामोद्योग के उत्पादों की बिक्री 16,899 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 30500 करोड़ रुपये करने की योजना है।
आयोग के मध्य क्षेत्र के सदस्य दीपक त्यागी ने बताया कि उत्पादन को बढ़ाने के लिए आयोग ने खादी उद्योग से जुड़ी 1919 इकाइयों की संख्या बढ़ाकर 4000 करने की योजना बनाई है। खादी के विपणन में सुधार के लिए बाजार विकास एसोसिएशन का सहयोग लिया जाएगा। ग्यारहवीं योजना में खादी का उत्पादन बढ़ने के साथ रोजगार पाने वालों की संख्या 88 लाख से बढ़कर 144 लाख हो जाएगी। त्यागी ने बताया कि आयोग द्वारा चलाए जा रहे खादी और ग्रामोद्योग कार्यक्रमों में शत प्रतिशत ग्रामीण रोजगार देखने को मिलता है। इसको देखते हुए आयोग ने स्फूर्ति (स्कीम फंड फॉर रिजेनरेशन ऑफ टे्रडीशनल इंडस्ट्री)नाम की एक योजना बनाई है। इसके तहत खादी निर्माण इकाइयों में प्रयुक्त किये जा रहे पुराने चरखों को बदलने, तकनीक को विकसित कर अवमूल्यन दर को कम करने और उत्पादन बढ़ाने की योजना पर भी काम चल रहा है। सबसे मुख्य बात यह भी है कि हाल ही में एशियाई विकास बैंक ने खादी के विकास के लिए 300 करोड़ रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है। इस राशि का इस्तेमाल
खादी का उत्पादन बढ़ाने और विपणन नीति को सुधारने में
किया जाएगा।