उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि हर बेघर को घर उपलब्ध कराने के लिए अभियान के तहत बड़े पैमाने पर ग्रामीण आबादी के लिए मकान बनाए जाएंगे। प्रदेश के गांवों में 13 लाख परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) ग्रामीण के तहत मकान दिए जाएंगे। इसी के साथ 1.5 लाख परिवारों को मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनाकर दिए जाएंगे। उन्होंने प्रदेश के सभी गांवों में अगले 100 दिनों में ग्राम सचिवालयों का काम शुरु कर देने और भू रिकार्ड, सरकारी प्रमाण पत्रों को गांव में ही उपलब्ध कराने के लिए कामन सर्विस सेंटर (सीएससी) चालू कर देने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री के सामने ग्राम विकास विभाग की कार्ययोजना के प्रस्तुतिकरण में ग्रामीण आवासों के इस लक्ष्य के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि अब तक प्रदेश में पीएम आवास योजना ग्रामीण के तहत 26.16 लाख मकानों को मंजूरी दी गई है जिनमें से 25.16 लाख मकान बन कर तैयार हो गए हैं। इन मकानों को बनाने पर 30691 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। इसी तरह मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत 1.08 लाख मकान मंजूर किए गए हैं जिन पर अब तक 1270 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च की गई है।
कार्ययोजना के प्रस्तुतिकरण के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि मनरेगा के जरिए प्रदेश के हर जिले में दो हाईटेक नर्सरी तैयार की जाएं। उन्होंने कहा कि हर नर्सरी में 15 लाख पौधे तैयार होंगे जो स्थानीय स्तर पर उपयोग में लाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि अगले 100 दिनों के भीतर मनरेगा की मदद से नदियों के पुनरुद्धार का काम किया जाए और हर गांव में रेनवाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था की जाए।
मनरेगा फंड की ही मदद से प्रदेश के गावों में खेल के मैदान तैयार किए जाएं। मुख्यमंत्री ने अगले दो सालों में प्रदेश के गांवों में 15 लाख खेल के मैदान तैयार करने का लक्ष्य रखा है। ग्राम विकास विभाग ने बताया कि कोरोना संकट के दौरान प्रदेश के सभी ग्राम पंचायतों में बैंकिंग कॉरेस्पांडेंट के तौर पर महिलाओं की तैनाती की गई थी। बीते वित्तीय वर्ष में इनके जरिए 2200 करोड़ रुपये का ट्रांजैक्शन किया गया है और 5.82 करोड़ रुपये का कमीशन हासिल किया गया है।