उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड (यूजेवीएनएल) ने कहा है कि उसे लखवाड़-व्यासी परियोजना का जिम्मा सौंप दिया गया है और वह जल्द ही इस बाबत निर्माण कार्य भी शुरू करने जा रही हैं।
यूजेवीएनएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक योगेंद्र प्रसाद ने बताया, ‘राज्य सरकार ने लखवाड़-व्यासी पनबिजली परियोजना के निर्माण कार्य की बागडोर हमें सौंप दी है।’ एक अनुमान के मुताबिक इस परियोजना पर 3000 से 4000 करोड़ रुपये के बीच निवेश किया जाएगा। इस परियोजना का संशोधित विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) एनएचपीसी ने तैयार किया था।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने यूजेवीएनएल की 480 मेगावाट क्षमता वाली पाला मनेरी और 400 मेगावाट की भैरव घाटी परियोजना को विरोध प्रदर्शन की वजह से रोक दिया था। हालांकि एनएचपीसी के अधिकारी यह मानने को कतई तैयार नहीं है कि यूजेवीएनएल को इस परियोजना का जिम्मा सौंपा गया है।
अधिकारियों का कहना है कि लखवाड़-व्यासी एक राष्ट्रीय परियोजना है और इस परियोजना से खास तौर पर दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे उत्तर भारत के राज्यों को बिजली मुहैया कराई जाएगी। उन्होंने दावा किया है कि केंद्र सरकार पूरी लागत का 90 फीसदी खर्चा वहन करने को तैयार है। इस परियोजना का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाता है तो इससे 92.7 करोड़ यूनिट बिजली का उत्पादन संभव हो सकेगा।