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ग्रेटर नोएडा में आसमान पर पहुंचे जमीन के भाव

Last Updated- December 05, 2022 | 8:44 PM IST

रोटी, कपड़ा और मकान की तलाश में परेशान आम आदमी के लिए अब ग्रेटर नोएडा में मकान खरीदना एक सपना बन जाएगा।


ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने जमीन के दामों में 70 से 80 फीसदी का अप्रत्याशित इजाफा किया है। प्राधिकरण ने आवासीय भूखंडों की दरों को  5900 रुपये से बढ़ाकर 10,500 रुपये प्रति वर्ग मीटर कर दिया है।


इसके अलावा संस्थागत श्रेणी के भूखंडों के दाम 2,800 रुपये से बढ़ाकर 6,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर और कामर्शियल श्रेणी में 12,000 से बढ़ाकर  20,000 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर किया गया है। ग्रुप हाउसिंग श्रेणी में दरों को 5400 से बढ़ाकर 10,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर और औद्योगिक श्रेणी में इन्हें 1,100 और 3,700 से बढ़ाकर 3,000 और 5,500 रुपये प्रति वर्ग मीटर कर दिया गया है।


हैरत की बात यह है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा आसमान को छूने वाली दरों को तय करने के बाद भी नोएडा प्राधिकरण ने जमीन के दामों में कोई वृद्धि नहीं की है। नोएडा प्राधिकरण के पास जमीन के दामों में 47 फीसदी का इजाफा करने का प्रस्ताव था, लेकिन प्राधिकरण ने इस प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान न करते हुए पुर्नविचार के लिए छोड़ दिया।


नोएडा प्राधिकरण द्वारा ऐसा किये जाने का कारण नोएडा में प्रस्तावित एक दर्जन होटलों की योजना को माना जा रहा है। इन होटलों के लिए नोएडा में 1,82,500 हेक्टेयर जमीन का आंवटन किया जाना है। होटलों की 1500 करोड़ रुपये की लागत वाली यह डील आने वाली 24 अप्रैल को संपन्न होनी है।


अगर नोएडा प्राधिकरण जमीन के दामों में अभी बढ़ोत्तरी कर देता तो निश्चित तौर पर प्रस्तावित होटलों के निर्माण से जुडें लोगों को भारी नुकसान पहुंचता। यही कारण है कि नोएडा प्राधिकरण ने जमीन के दाम को बढ़ाने के प्रस्ताव को अगले 15 दिनों भीतर पुर्नविचार के लिए छोड़ दिया है।


जमीन के बढ़ते दामों को देखते हुए ग्रेटर नोएडा के एक प्रापर्टी डीलर ने बताया कि ग्रेटर नोएडा की जमीन पहले से ही आम आदमी की पंहुच से बाहर रही है। यहां जमीन को खरीदने वाले ज्यादातर पूंजीपति और आर्थिक संपन्न लोग ही होते है। जमीन के दामों के बढ़ने से ग्रेटर नोएडा आने वाले दिनों में पूंजीपति विशिष्ट क्षेत्र बन जाएगा।


पार्श्वनाथ डेवलपर्स लिमिटेड के अध्यक्ष प्रदीप जैन का कहना है कि ‘ग्रेटर नोएडा में इन्फ््रस्ट्रक्चर और अन्य बुनियादी सुविधाएं गुडगांव और सोनीपत से बेहतर है, लिहाजा जमीन के दामों के बढ़ने से जमीन की खरीद में कमी नहीं आएगी।’ ग्रेटर नोएडा में जमीन के दामों की बढ़ोत्तरी का कारण चालू वित्त वर्ष का बढ़ा हुआ बजट है। इस बार ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने 1000 हजार करोड़ रुपये की बढ़ोत्तरी के साथ 49000 करोड़ रुपये के  बजट का प्रावधान किया है।


वहीं दूसरी तरफ नोएडा प्राधिकरण ने 4900 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया है। इस बार सभी गांवो का विकास अंबेडकर ग्राम विकास योजना के  अंतर्गत शहरी आधार पर होगा। इस योजना के लिए आवश्यक कोष की पूर्ति करने हेतु जमीन की दरों को बढ़ाने का फैसला लिया गया है।

First Published - April 10, 2008 | 10:41 PM IST

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