चुनावी मौसम ने भले ही कुछ लोगों की नींदें उड़ा दी हों, पर इससे निजी विमान कंपनियों की बांछें खिल गई हैं।
आर्थिक मंदी के कारण विमान कंपनियों का कारोबार धीमा चल रहा था और ऐसे में चुनाव की तारीखें घोषित होने से उनके कारोबार को थोड़ी रंगत मिली है। नेताओं ने चुनाव प्रचार के लिए पहले से ही सारे हेलीकॉप्टर बुक करा लिए हैं।
ढिल्लों एविएशन प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अजय वीर सिंह ने बताया कि कंपनी के सभी 9 हेलीकॉप्टर राजनीतिक पार्टियों ने बुक करा लिए हैं। शिरोमणि अकाली दल, भाजपा, कांग्रेस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने पहले से ही अपनी बुकिंग करा ली है।
उन्होंने बताया कि राजनीतिक पार्टियां अपने लिए विमानों की बुकिंग सुनिश्चित कराने के लिए ऊंची रकम देने के लिए भी तैयार थीं। सिंह ने बताया कि आमतौर पर विमान कंपनियां एक घंटे के लिए हेलीकॉप्टर किराए पर देने के लिए 1.20 लाख रुपये तक वसूलती हैं।
इसके अलावा वेटिंग के लिए अलग से शुल्क चुकाना पड़ता है। पर चुनावी मौसम को देखते हुए कंपनियां एक घंटे के लिए 3 लाख रुपये तक किराया वसूल रही हैं। उन्होंने बताया कि भारी मांग को देखते हुए विमान कंपनियां आउटसोर्स करा कर हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराने में जुटी हैं।
देश में कितनी ऐसी कंपनियां हैं जो चुनावी मांग को पूरा करने में जुटी हैं, तो उन्होंने बताया कि देश में करीब 25 निजी विमान कंपनियां इस चुनावी सत्र में पूरे जोर शोर से जुटी हुई हैं। उन्होंने साथ ही कहा कि राजनीतिक पार्टियों की ओर से भारी मांग को देखते हुए कुछ और निजी कंपनियां इस काम में जुट सकती हैं।
आमतौर पर केवल कॉरपोरेट ग्राहक ही हेलीकॉप्टरों की बुकिंग कराते हैं और जब से आर्थिक मंदी ने अपना पैर पसारना शुरू किया है तब से इनकी ओर से भी मांग घटती जा रही है। पर चूंकि राजनीतिक पार्टियों को बड़े पैमाने पर अलग अलग जगहों पर प्रचार करना होता है, इसलिए उनके लिए यह एक जरूरत बन गई है। सिंह ने कहा कि यह राजनीतिक पार्टियों की जिम्मेदारी है कि वे चुनाव प्रचार में हेलीकॉप्टरों के इस्तेमाल के लिए चुनाव आयोग से अनुमति ले लें।