उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम ने राज्य के बहुप्रतीक्षित लेदर पार्क के लिए कानपुर के करीब उन्नाव जिले में जमीन तलाश ली है।
इस पार्क को इस तरह से विकसित किया जाएगा ताकि चमड़ा उद्योग से जुड़ी सभी ढांचागत सुविधाओं और कुशल कारीगरों को एक जगह पर ही हासिल किया जा सके। उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास निगम (यूपीएसआईडीसी) के क्षेत्रीय प्रबंधक, कार्यपालक इंजीनियर, उन्नाव के अतिरिक्त जिलाधिकारी और जिले के औद्योगिक निदेशक की एक चार सदस्यीय समिति ने मंत्रालय को अपनी अंतिम सिफारिशें सौंप दी हैं।
लेदर पार्क की स्थापना के लिए उन्नाव में चमरौली का चयन किया गया है। इस जगह पर करीब 3,000 एकड़ क्षेत्र पर लेदर पार्क की स्थापना की जाएगी। यूपीएसआईडीसी के क्षेत्रीय प्रबंधक संतोष कुमार ने बताया कि ‘चमरौली में काफी जमीन खाली पड़ी है जिसे बिना किसी कठिनाई के अधिग्रहित किया जा सकता है और यह स्थान कानपुर तथा लखनऊ से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।’
प्रस्तावित पार्क में करीब 3,000 छोटी-बड़ी चमड़ा औद्योगिक इकाइयों को स्थापित किया जाएगा है और उम्मीद है कि पार्क के पूरी तरह से अस्तित्व में आने के बाद इससे करीब 60,000 कारीगरों को रोजगार मिलेगा। इस पार्क में कारीगरों के लिए आवासीय सुविधा भी मुहैया कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि कानपुर की इकाइयां अगर चाहें तो इस पार्क में अपने कारोबार को ला सकती हैं। उन्नाव जिले के औद्योगिक निदेशक के मुताबिक चमरौली में पर्याप्त मात्रा में जमीन मौजूद है। इस जमीन का अधिग्रहण और इस्तेमाल बिना किसी दिक्कत के किया जा सकता है।
कुमार ने बताया कि जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और पार्क के करीब 60 प्रतिशत हिस्से का आवंटन औद्योगिक इकाइयों के किया जाएगा। इनमें छोटी और बड़ी इकाइयां दोनों ही शामिल हैं। इसके अलावा शेष 40 प्रतिशत हिस्से पर ग्रीन बेल्ट, सामुदायिक सुविधा, सीवेज डिस्पोजल साइट और कारीगरों के आवास का विकास किया जाएगा। इससे पहले किसानों के विरोध के चलते ट्रांसगंगा सेज का काम रुकने के बाद प्रशासन सतर्क है। ट्रांसगंगा सेज में किसान अपनी जमीन के लिए अधिक छतिपूर्ति की मांग कर रहे हैं।