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कोरोना के दौरान यूपी में 13 लाख एमएसएमई को कर्ज

Last Updated- December 12, 2022 | 7:41 AM IST

महामारी, लॉकडाउन और अर्थव्यवस्था की मंदी के बीच उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रदेश में 13 लाख से ज्यादा छोटे व मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को आर्थिक सहायता पहुंचाई है। कोरोना काल में ही प्रदेश में एमएसएमई क्षेत्र को 42,700 करोड़ रुपये के कर्ज बांटे गए हैं। लॉकडाउन के दौरान ही बीते साल 15 मई से योगी सरकार ने मेले लगाकर एमएसएमई को कर्ज बांटने की शुरुआत कर दी थी।
उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव एमएसएमई नवनीत सहगल ने बताया कि बीते एक साल के भीतर ही 13 लाख एमएसएमई इकाइयों को 42,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस आर्थिक सहायता के चलते एक साल में ही निजी क्षेत्र में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से करीब 65 लाख लोगों को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध हुए हैं। स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी (एसएलबीसी) की बैठक में अपर मुख्य सचिव एमएसएमई ने बैंकों को एमएसएमई के क्षेत्र में और अधिक प्रगति के निर्देश दिए हैं। उन्होंने विभिन्न सरकारी योजनाओं, पीएमईजीपी, ओडीओपी और एमवाईएसवाई आदि के तहत बैंक स्तर पर स्वीकृति और वितरण के लिए लंबित आवेदनों को जल्द निस्तारित करने के निर्देश जारी किए हैं। सहगल ने कहा कि एमएसएमई साथी ऐप पर बैंकों से संबंधित मामलों के निस्तारण के लिए कार्रवाई जल्द होगी।
अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने कहा कि प्रदेश में देश के अधिकतम करीब 14 फीसदी एमएसएमई कार्यरत हैं। प्रदेश के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि एक साल में एमएसएमई सेक्टर को इतनी बड़ी मात्रा में लोन उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने सरकार की विभिन्न योजनाओं, पीएमईजीपी, ओडीओपी और एमवाईएसवाई आदि के तहत बैंकों के स्तर पर स्वीकृति और वितरण के लिए लंबित आवेदनों पर जल्द निस्तारण करने के लिए निर्देशित किया। प्रदेश सरकार की ओर से पारंपरिक कारीगरों और दस्तकारों के लिए संचालित विश्वकर्मा श्रम स मान योजना को सफल बनाने के लिए बैंकों को सहयोग के निर्देश दिए।
एसएलबीसी के संयोजक बैंक आप बड़ौदा के ब्रजेश कुमार सिंह ने दिसंबर 2020 को समाप्त तिमाही के दौरान प्रदेश की महत्वपूर्ण बैंकिंग गतिविधियों के बारे में बताते हुए कहा कि प्रदेश में कुल सक्रिय जनधन खातों के सापेक्ष पीएमएसबीवाई में 41.16 फीसदी खातों को कवर किया जा चुका गया है। प्रदेश सरकार की वन जीपी, वन बीसी कार्यक्रम की शुरूआत हो गई है, जिसके तहत प्रदेश में 58 हजार बीसी सखी की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की गई है। चालू वित्त वर्ष के समाप्त तिमाही तक वार्षिक ऋण योजना के तहत 145850 करोड़ का ऋण वितरित किया जा चुका है। केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय के अवर सचिव अमिल अग्रवाल ने कहा कि एसएलबीसी की बैठकों में समय-समय पर एनबीएफसी को भी शामिल किया जाना चाहिए।

First Published - March 1, 2021 | 1:10 AM IST

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