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Loksabha Election 2024: ‘जाति, धर्म के नाम पर वोट नहीं मांगें’- निर्वाचन आयोग

राजनीतिक दलों के लिए जारी परामर्श में आयोग ने कहा कि आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले उम्मीदवारों और स्टार प्रचारकों के खिलाफ ‘नैतिक भर्त्सना’ के बजाय कठोर कार्रवाई की जाएगी।

Last Updated- March 01, 2024 | 10:57 PM IST
जाति, धर्म के नाम पर वोट नहीं मांगें’- निर्वाचन आयोग, Do not ask for votes in the name of caste, religion – Election Commission
राजीव कुमार, मुख्य निर्वाचन आयुक्त

Loksabha Election 2024: निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव से पहले शुक्रवार को राजनीतिक दलों और उनके नेताओं से कहा कि वे जाति, धर्म और भाषा के आधार पर वोट मांगने से परहेज करें तथा भक्त एवं भगवान के बीच के संबंधों का उपहास नहीं उड़ाएं अथवा दैवीय प्रकोप का हवाला नहीं दें।

राजनीतिक दलों के लिए जारी परामर्श में आयोग ने कहा कि आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले उम्मीदवारों और स्टार प्रचारकों के खिलाफ ‘नैतिक भर्त्सना’ के बजाय कठोर कार्रवाई की जाएगी।

निर्वाचन आयोग ने यह भी कहा कि मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर, गुरुद्वारे या कोई अन्य पूजा स्थल का उपयोग चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जाना चाहिए। लोकसभा चुनाव एवं चार राज्यों के विधानसभा चुनावों के लिए आचार संहिता लागू होने से कुछ दिनों पहले यह परामर्श जारी किया गया है।

इसमें कहा गया है कि जिन स्टार प्रचारकों और उम्मीदवारों को पहले नोटिस मिला है, उन्हें आदर्श आचार संहिता के बार-बार उल्लंघन के लिए कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने हाल में इस बात पर जोर दिया था कि राजनीतिक दलों को ऐसे नैतिक और सम्मानजनक राजनीतिक विमर्श को बढ़ावा देना चाहिए जो विभाजन के बजाय प्रेरित करता हो, व्यक्तिगत हमलों के बजाय विचारों को बढ़ावा देता हो।

आयोग के एक अधिकारी ने कहा कि इस परामर्श ने 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अब औपचारिक रूप से नैतिक राजनीतिक विमर्श के लिए मंच तैयार कर दिया है और 2024 के आम चुनावों में अव्यवस्था की आशंका पर अंकुश लगाया है। उनका यह भी कहना है कि चुनाव आचार संहिता के लिए उल्लंघन को लेकर व्यवस्थित दृष्टिकोण ने सभ्य चुनावी अभियान के लिए जमीन तैयार की है।

निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों को चुनाव प्रचार में शिष्टाचार बनाए रखने और स्टार प्रचारकों एवं उम्मीदवारों खासकर उन लोगों पर अतिरिक्त जिम्मेदारी की चेतावनी दी है जिन्हें अतीत में नोटिस जारी किए गए थे। उसने पार्टियों का चुनाव अभियान के स्तर को मुद्दों-आधारित बहस तक ले जाने का आह्वान किया और कहा कि राजनीतिक दलों और उनके नेताओं को तथ्यात्मक आधार के बिना बयान नहीं देना चाहिए या मतदाताओं को गुमराह नहीं करना चाहिए।

First Published - March 1, 2024 | 10:57 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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