मध्य प्रदेश में बैंकों ने राज्य सरकार से किसान क्रेडिट कार्ड के वितरण से संबधित आंकड़ों को उपलब्ध कराने के लिए गंभीर होने का आग्रह किया है।
बैकों पिछले कुछ समय से किसान क्रेडिट कार्ड के वितरण में ढिलाई बरते जाने की शिकायत करते आ रहें है।स्टेट स्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी) की 131वीं सभा के दौरान समिति के संयोजक के सुब्बारमन ने कहा कि राज्य के 48 जिलों में से के वल 17 जिलों ने किसान क्रेडिट कार्ड के लिए किसानों की सूची बैंकों को उपलब्ध कराई है, जबकि 31 जिलों में अभी तक किसानों की पहचान बताने वाली सूची ही तैयार नहीं हो पाई है।
एसएलबीसी ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि राज्य सरकार को इस बारे में ठोस कदम उठाना चाहिए ताकि जरुरतमंद किसानों को समय पर क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराया जा सकें। बिजनेस स्टैंडर्ड द्वारा उपलब्ध आकंड़ों के अनुसार दिसंबर 2007 तक मध्य प्रदेश में लगभग 3,18,659 किसानों को क्रेडिट कार्ड जारी जारी किया गया है। इनमें से 1,34,325 कार्ड व्यावसयिक बैकों ने, 44,467 कार्ड क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों ने और 1,39,867 कार्ड कोआपरेटिव बैकों ने जारी किये है।
इन आकंडों से किसान क्रेडिट कार्ड जारी करने की मौजूदा रफ्तार का पता चलता है। राज्य में लगभग 77 लाख किसान है। इनमें से अभी तक केवल 44,18,207 को किसान कार्ड जारी किए गए है। राज्य सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड को कोटवारों को जारी करने की घोषणा की थी। लेकिन संस्थान वित्त निदेश ने इसके लिए अभी तक केवल दिशा-निर्देश ही जारी किये है।
राज्य सरकार ने कोटवारों को किसान का दर्जा दे रखा है। इन कोटवारों के पास सेवा भूमि की भी काफी जमीन हैं। राज्य में लगभग 24,000 कोटवारों को किसान क्रेडिट कार्ड दिये जाने हैं। किसान क्रेडिट कार्ड नहीं बनने के कारण राज्य में कई किसानों को कर्ज हासिल करने में दिक्कत तो ही रही है साथ ही वे अन्य योजनाओं का लाभ भी नहीं ले पा रहे हैं।