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रिलायंस के साथ कीजिए सौदा खरा-खरा

Last Updated- December 06, 2022 | 11:00 PM IST

पंजाब के फतेहगढ़ साहिब जिले के चुन्नी खुर्द के परमजीत सिंह रोजाना अपने गांव के 30 दूध उत्पादकों से लगभग साढ़े तीन क्विंटल दूध लेते है।


वह इस दूध को मापने के लिए एक इलेक्ट्रानिक यंत्र का प्रयोग करते है। दूध मापने के लिए यह इलेक्ट्रानिक यंत्र उन्हें रिलांयस ने दिया है। रिलांयस ने दूध की रिटेल मार्के टिंग के लिए राज्य के गांवों में 400 दूध संग्रह केन्द्रों को खोला है।


राज्य में दूध की रिटेल मार्केटिंग की होड़ में निजी क्षेत्र की बड़ी-बड़ी कंपनियां लगी हुई है। नेस्ले और कई क्षेत्रीय कंपनियां इस दौड़ में पहले से ही शामिल है। रिलांयस रिटेल ने अपनी इस योजना पर काम करना भी शुरु कर दिया है। जबकि वालमोर्ट, भारती के साथ पंजाब में दूध की रिटेल श्रृखंला की शुरुआत करने के लिए एक आधार की तलाश कर रही है। कुछ कंपनियां राज्य के दूध उत्पादकों से दूध खरीदने के बजाय सहकारी संस्थाओं से दूध की खरीद कर रही है।


इस बाबत परमजीत का कहना है कि रिलांयस ने अपने पहले भुगतान के बाद दी जाने वाली पेशगी को घटा दिया है। परमजीत का कहना है 1 लीटर दूध की कीमत 16 रुपये से लेकर 25 रुपये के बीच बैठती है। दूध की यह कीमत दूध में उपलब्ध वसा की मात्रा पर निर्भर करती है।


परमजीत का कहना है कि वह प्रत्येक महीने दूध संगह के जरिए 3.45 फीसदी की कमीशन दर से लगभग 8 हजार रुपये कमा लेता है। इसके पहले परमजीत दूध की आपूर्ति पंजाब की सबसे बड़ी सहकारी संस्था मिल्कफेड पंजाब को करता था। परमजीत ने बताया मिल्क फेड को दूध की आपूर्ति करते वक्त हमें समान भुगतान ही प्राप्त होता था। लेकिन पंजाब मिल्कफेड भुगतान की एक किश्त को सदैव बकाया रखती थी।


जबकि रिलांयस में प्रत्येक दस दिन में भुगतान हो जाता है। इसके बाद पैसे को दूध उत्पादकों के बीच बांट दिया जाता है। उन्होंने बताया कि दूध की गुणवत्ता उसमें उपस्थित वसा की मात्रा पर निर्भर करती है और इसी के आधार पर दूध का मूल्य तय होता है। दूध का मूल्य तय करने का यह तरीका रिलायंस और सहकारी कंपनी पंजाब मिल्कफेड दोनों में अपनाया जाता है।


लेकिन निजी कंपनियों द्वारा नियमित भुगतान दूध उत्पादकों को निजी कंपनियों को दूध की आपूर्ति करने के लिए आर्कषित कर रहा है। इन दूध उत्पादकों का कहना है कि जिस समय खेती नहीं हो रही होती है निजी कंपनियों को दूध की आपूर्ति से प्राप्त होने वाला भुगतान सागर में तिनके की तरह होता है। रिलायंस का राज्य के साहा क्षेत्र में निजी प्रोसेसिंग प्लांट है।


इस प्रोसेसिंग प्लांट में संग्रह किये गये दूध को पाउडर में बदल दिया जाता है। इससे दूध की आपूर्ति में किसी तरह का अवरोध उत्पन्न नहीं होता है। रिलांयस ने हरियाणा में दूध संग्रह केन्द्र को सिरसा और फतेहाबाद जिलों में खोला है। इसके कारण कंपनी फतेहगढ़ साहिब और मोहाली में चल रहे अपने दूध संग्रह केन्द्रों के ऊपर किसी भी तरह की टिप्पणी करने से बच रही है।


रिलांयस द्वारा पंजाब में उपलब्ध कराए जा रहे दूध के पैकटों की कीमत राज्य की सहकारी कंपनी पंजाब मिल्कफेड के ब्रांड वर्का के समान ही है। पंजाब मिल्क फेड का कहना है कि इस क्षेत्र में निजी कंपनियों के आने से उसके कारोबार में किसी भी तरह का प्रभाव नहीं पड़ा है। इस बाबत पंजाब मिल्कफेड के प्रंबध निदेशक वी के सिंह ने बताया कि प्रतिस्पर्धा के बढ़ने से हमारे कारोबार में कुछ खास फर्क नहीं पड़ा है क्योंकि मदर्स डेयरी, वर्का से 40 हजार लीटर दूध खरीदती है।


वालमार्ट भी नहीं पीछे


पंजाब में दूध के रिटेल कारोबार में वालमार्ट ने भारती रिटेल कंपनी के साथ प्रवेश किया है। वालमार्ट दूध उत्पादकों से सीधा दूध खरीदने के बजाए सहकारी संस्थाओं से दूध खरीद रही है। भारती वालमार्ट के प्रवक्ता ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि अभी हम लोग राज्य में दूध की आपूर्ति को प्राप्त करने के लिए कार्पोरेट, सहकारी संस्थाओं और क्षेत्रीय लोगों के संपर्क  में है।

First Published - May 12, 2008 | 10:16 PM IST

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