दिल्ली में चल रही सीलिंग के बाद एमसीडी ने पुरानी दिल्ली में व्यापारियों के लिए फिर से एक समस्या खड़ी कर दी है।
अब एमसीडी ने व्यापारियों को मदनपुर,बवाना, नरैला और रोहतक रोड में बनाए गए एकीकृत उत्पाद केंद्र (आईएफसी)में स्थानांतरित होने का निर्देश दिया है। इसके लिए व्यापारियों को 27 मई तक एमसीडी में अपनी विस्तृत जानकारी रिपोर्ट को जमा करने का नोटिस दिया गया है।
इस बाबत अखिल भारतीय कारोबारी परिसंघ (कैट) के महासचिव का कहना है कि एमसीडी द्वारा दिया गया यह आदेश अपने आप में ही मास्टर प्लान 2021 की अवहेलना करता है। क्योंकि दिल्ली के मास्टर प्लान में केवल पीवीसी, केमिकल्स, डेयरी, बडें गोदामों, फल व सब्जी, मछली और पोलट्री व्यापारियों को आईएफसी में जाने का प्रावधान किया गया है।
लेकिन एमसीडी ने इन उद्योगों से जुड़े व्यापारियों के अलावा सेनेटरी,टूल्स, हार्डवेयर, जूता और किराना व्यापार से संबधित कारोबारियों को भी अपनी दुकानें आईएफसी में स्थानांतरित करने का नोटिस जारी किया है। कैट का कहना है कि एमसीडी की इस नोटिस से पुरानी दिल्ली के लाखों व्यापारी प्रभावित होंगे और उन्हें घाटा उठाना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि एमसीडी द्वारा जारी की गई यह नोटिस मास्टर प्लान में किए गए प्रावधानों के खिलाफ है। साथ ही दुकानों को जिन आईएफसी केन्द्रों में स्थानांतरित करने का निर्देश किया गया है। वे सभी उपनगरीय इलाकों में स्थित है। इसके अलावा यहां कारोबार के लिए आवश्यक बुनियादी आवश्यकताओं जैसे बिजली,पानी,सुरक्षा, बैंक, सड़क और डाकघर की पर्याप्त सुविधांए भी नहीं है।