रियल्टी क्षेत्र में मंदी और खरीदारों की कमी के बीच उत्तर प्रदेश की राजधानी में सरकारी आवासीय संस्थाएं y,®®® से ज्यादा सस्ते मकान बनाएंगी। इन मकानों के लिए आवंटन अगले महीने खुल सकता है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बन रहे इन कम कीमत वाले मकानों के आवंटन के लिए कई नियमों को शिथिल किया गया है जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग लाभ उठा सकें।
लखनऊ विकास प्राधिकरण प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत राजधानी में y,x{} मकान बनाएगा। इन मकानों का निर्माण प्राधिकरण की शारदा नगर और बसंतकुंज आवासीय कोलोना में किया जाएगा। इन मकानों के आवंटन के लिए केवल लखनऊ में रहने वाले लोग ही आवेदन कर सकेंगे। प्राधिकरण अधिकारियों के मुताबिक परियोजना के लिए रियल एस्टेट रेगुलेटिरी अथारिटी (रेरा) में पंजीकरण की औपचारिकता पूरी कर ली गई है। रेरा से पंजीकरण मिलते ही इन मकानों के लिए आवेदन खोला जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर इन मकानों के लिए पंजीकरण की शुरुआत की जा सकती है।
योजना के तहत शारदा नगर कालोनी में w,wz{ और बसंतकुंज कालोनी में w,vvw मकान होंगे। इन मकानों के लिए लखनऊ के वे लोग आवेदन कर सकेंगे जिनके पास अपना कोई मकान न हो। प्राधिकरण ने इन मकानों के आवंटन के लिए जिला नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) में पंजीकरण की पात्रता को खत्म कर दिया है। लखनऊ विकास प्राधिकरण ने इस तरह की शर्त तो खत्म कर दी है पर आवेदन करने वालों की आमदनी, आवासीय स्थिति वगैरह का सत्यापन कराया जाएगा।
प्रदेश सरकार ने स्थानीय निकायों को भी सस्ते मकान बनाने की जिम्मेदारी सौंपी है। प्रदेश सरकार ने बड़े पैमाने पर कोरोना संकट के चलते बाहरी राज्यों से लौटे प्रवासी मजदूरों की सुविधा के लिए स्थानीय निकायों को मकान बनाने के निर्देश दिए हैं। लखनऊ नगर निगम ने सात जगहों को चिह्नित कर वहां मजदूरों के लिए किराए के सस्ते मकान बनाने की पेशकश की है। निगम अधिकारियों के मुताबिक राजधानी में अमौसी, कनौसी, उत्तर धौना में ये जगहें तलाशी गई हैं। जल्द ही नगर विकास विभाग की अनुमति मिलने और मकानों के निर्माण व आवंटन के दिशानिर्देश तय होंगे। इसके अलावा सरकारी आवासीय संस्थाएं एक बार फिर से किराया क्रय पद्धति के मकानों के निर्माण शुरु करेंगी।