मध्य प्रदेश सरकार राज्य के विभिन्न विभागों के 5 लाख कर्मचारियों के ऊपर छटे वेतन आयोग की सिफारिशों को 1 सिंतबर से लागू करने के लिए आयोग की ब्यौरा रिर्पोट का इंतजार कर रही है।
छठे वेतन आयोग की सिफारिशों में कर्मचारियों के लिए मंहगाई भत्ते को महत्वपूर्ण आधार दिया गया है। राज्य सरकार इन सिफारिशों को लागू करने के लिए अपनी संयुक्त निधि में से 2000-2500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्यय करेगी।
केंद्र सरकार द्वारा मंहगाई भत्ते में केवल 1 फीसदी की बढ़ोतरी ने ही राज्य सरकार के खाते में 60 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार जोड़ दिया है। अब राज्य सरकार के लिए समस्या इस अतिरिक्त व्यय की व्यवस्था करने की है।
वित्त विभाग के सूत्रों ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया है कि अगर केंद्र सरकार द्वारा की गई सिफारिशों को लागू करना है तो राज्य सरकार को कम से कम अपने कर्मचारियों के लिए 10 फीसदी मंहगाई भत्ते की घोषण करनी ही पड़ेगी।
राज्य के विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू न करने की स्थिति में अनिश्चितकालीन हड़तान में जाने की धमकी दी है। इसके बादं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की बात कही है।
हालांकि इससे पहले राज्य के वित्त मंत्री राघवजी ने संसाधनों की कमी के चलते सिफारिशों को लागू करने से मना कर दिया था। सूत्रों ने यह भी बताया कि अगर वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू कर दिया जाता है तो कर्मचारियों का शेष बकाया ही लगभग 1800 से 2300 करोड़ के बीच में बैठेगा।