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मप्र: सांवरिया को कर छूट की दरकार

Last Updated- December 08, 2022 | 4:06 AM IST

देश की अग्रणी सोयाबीन प्रोसेसर और परिष्कृत सोयाबीन तेल निर्माता सांवरिया एग्रो ऑयल्स लिमिटेड (एसएओएल) के लिए मूल्य वर्धित कर यानी वैट में छूट को लेकर फैसला अभी भी अधर में लटका हुआ है।


उद्योग विभाग से जुड़े सरकारी सूत्रों के अनुसार मंडीदीप में अधिग्रहित की गई यूनाइटेड सोया प्रोडक्ट्स लिमिटेड (यूएसपीएल) कंपनी को सात वर्षों के लिए कर छूट देने से इंकार कर दिया गया है और यह मामला अभी भी राज्य सरकार के पास लंबित है।

यूएसपीएल की हालत लंबे समय  से दयनीय थी और यह दिसंबर 1993 के बाद से बंद पड़ी है। सूत्रों ने बताया, ‘वाणिज्यिक कर विभाग ने कहा है कि कंपनी का अधिग्रहण एक विस्तार योजना के तहत किया है न कि कोई नया उद्यम शुरू करने के उद्देश्य से अधिग्रहित किया गया है।’

सांवरिया ने निवेश पर बनाई गई शीर्ष अधिकारिता समिति से छूट और रियायतों की मांग की है। हालांकि अब समिति की बैठक राज्य विधानसभा चुनाव के बाद ही हो पाएगी। अब यह नई सरकार के ऊपर निर्भर करेगा कि वह इस समिति को जारी रखती है या फिर इसे भंग करती है।

शुरुआत में कंपनी द्वारा 15.12 करोड़ रुपये का निवेश किया गया था। सूत्रों ने बताया, ‘लगभग 200 टन प्रसंस्करण क्षमता के लिए अब निवेश की राशि 22 करोड़ रुपये हो गई है। चूंकि यह राशि नए निवेश जैसी है इसलिए विभाग ने कर छूट के  लिए सिफारिश की थी।’

सांवरिया एग्रो ऑयल्स लिमिटेड को 1991 में निगमित किया था। खेड़ा इटारसी औद्योगिक क्षेत्र में स्थापना के वक्त इस संयंत्र की पेराई क्षमता 200 टन प्रतिदिन थी। इसमें सोयाबीन और अन्य छोटे तिलहनों की पेराई की जाती थी।

1993 के दिसंबर महीने से इसमें वाणिज्यिक उत्पादन शुरू किया गया था। अब कंपनी ने प्रतिदिन 520 टन प्रतिदिन उत्पादन तक अपना विस्तार कर लिया है।

First Published - November 19, 2008 | 9:34 PM IST

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