मध्य प्रदेश के धार जिले में स्थित पीथमपुर में प्रस्तावित देश के पहले डिजिटल सुविधाओं से युक्त वाहन परीक्षण केंद्र (डिजिटल प्रूविंग ऑटो ग्राउंड) का निर्माण कार्य अभी तक शुरू नहीं हो पाया है।
अगर निर्माण कार्य में और देरी होती है तो मुद्रास्फीति की बढ़ती रफ्तार से प्रोजेक्ट को काफी क्षति पहुंच सकती है। इस बीच राज्य मंत्रिमंडल ने परियोजना से विस्थापित होने वाले परिवारों के लिए अतिरिक्त मुआवजा पैकेज की भी मंजूरी दे दी है। किसानों और उनके परिवार वालों को मुआवजे के रूप में करीब 200 करोड़ रुपये अदा किए जाएंगे।
देश के सबसे बड़े और महत्वपूर्ण मोटर वाहन सेक्टर में से एक राष्ट्रीय ऑटोमोटिव परीक्षण और बुनियादी सुविधा अनुसंधान और विकास परियोजना (एनएटीआरआईपी) को भारत में बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए अभी 300 एकड़ से अधिक जमीन की जरुरत है। एनएटीआरआईपी भारत सरकार, कई राज्य सरकारों और भारतीय वाहन उद्योग के बीच कड़ी का काम करती है। राज्य उद्योग विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार पहले जमीन का एक बड़ा हिस्सा सौंप चुकी है।
एनएटीआरआईपी से जुड़े सूत्रों ने बताया, ‘हालांकि एनएटीआरआईपी ने पहले ही जमीन का एक बड़ा हिस्सा अधिग्रहण कर चुकी है लेकिन अभी भी उसके द्वारा 330 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाना बाकी है। लिहाजा इसके लिए किसानों और गांववालों को मुआवजा दिया जाना भी बाकी है। इस परियोजना के तहत अभी पुनर्वास का काम भी पूरा नहीं हुआ है।’ धार के जिलाधिकारी ने अतिरिक्त मुआवजे अदायगी के लिए करीब 100 करोड़ रुपये मांगे थे जिसे राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी थी।