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स्टांप शुल्क घटने से मुंबई रियल्टी में बहार

Last Updated- December 12, 2022 | 6:22 AM IST

देश के सबसे बड़े संपत्ति बाजारों में से एक मुंबई में विगत सात महीनों में संपत्तियों के पंजीकरण पर स्टाम्प शुल्क में कटौती किए जाने से मुंबई में संपत्ति डेवलपरों के हाथ जैकपॉट लग गया है। डेवलपर यह भी मानते हैं कि राज्य सरकार द्वारा इस कटौती को आगे नहीं बढ़ाने और बैंकों द्वारा आवास ऋण की विशेष दरों को समाप्त किए जाने के बावजूद संपत्ति की बिक्री जारी रहेगी।  
महाराष्ट्र सरकार ने पिछले वर्ष अगस्त में रियल एस्टेट बाजार को बढ़ावा देने के लिए स्टाम्प शुल्क में कटौती करने की घोषणा की थी। 31 दिसंबर, 2020 तक होने वाले संपत्ति सौदों के लिए स्टाम्प शुल्क को पांच फीसदी से घटाकर दो फीसदी और 31 मार्च, 2021 तक होने वाले सौदों के लिए तीन फीसदी कर दिया था। आज से स्टाम्प शुल्क की पांच फीसदी की सामान्य दर लागू हो गई है।   
पिछले साल 26 अगस्त को संपत्ति सौदों पर स्टाम्प शुल्क में कटौती किए जाने से डेवलपरों ने जम कर आवासीय बिक्री की थी। सरकार का यह कदम महामारी और लॉकडाउन के कारण वित्त वर्ष 2021 की पहली तिमाही से कमजोर मांग से जूझ रहे डेवलपरों के लिए राहत भरा रहा था।
सितंबर 2020 से मार्च 2021 यानी सात महीनों के लिए स्टाम्प शुल्क में कटौती किए जाने का नतीजा यह रहा कि 80,700 सौदों में कुल मिलाकर 1,20,000 करोड़ रुपये की संपत्ति पंजीकृत की गई। यह जानकारी संपत्ति आंकड़ा विश्लेषक कंपनी प्रोपस्टैक ने दी है। पंजीकृत संपत्तियों के मूल्य में वृद्घि सितंबर 2019 से मार्च 2020 के मुकाबले 1.4 गुना थी।
प्रोपस्टैक ने कहा कि मुंबई में मार्च 2021 में स्टाम्प शुल्क के तौर पर 875 करोड़ रुपये का संग्रह हुआ जो कि अब तक सर्वाधिक है और मकानों की बिक्री की संख्या के लिहाज से यह दूसरी सर्वाधिक बिक्री थी। स्टाम्प शुल्क में कटौती की सीमा 31 मार्च को समाप्त
हो गई।
कंपनी के मुताबिक मार्च, 2021 में 17,700 से अधिक मकान पंजीकृत हुए जो सालाना आधार पर 3.7 गुना अधिक है। डेवलपरों ने बिक्री में अच्छी वृद्घि दर्ज की है।       
हीरानंदानी कम्युनिटीज के प्रबंध निदेशक निरंजन हीरानंदानी ने कहा, ‘स्टाम्म शुल्क में कटौती किए जाने के बाद से हमने 50 फीसदी अतिरिक्त आवासीय बिक्री की है।’
मुंबई स्थित एक अन्य डेवलपर सनटेक रियल्टी के चेयरमैन कमल खेतान ने कहा कि स्टाम्प शुल्क में कटौती के कारण बिक्री में आई उछाल को लेकर वह सटीक तौर पर कुछ भी नहीं कह सकते लेकिन इस कटौती का बिक्रियों पर सकारात्मक असर पड़ा है और इसने संभावित खरीदारों को मकान खरीदने के लिए आकर्षित किया है।
विशेषज्ञों ने कहा कि मकान बिक्री में नजर आई उछाल के पीछे दबी हुई मांग, आवास ऋण की कम दरें और डेवलपर की ओर से दिए जाने वाले छूट जैसे कारक हैं। आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक सहित अन्य बैंकों ने 31 मार्च, 2021 तक के लिए आवास ऋण की विशेष दरें पेश की थी।

First Published - April 2, 2021 | 12:11 AM IST

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