महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे को भड़काऊ बयानबाजी और सरकारी कर्मचारियों के कार्य में हस्तक्षेप के आरोप में गिरफ्तार किए जाने के बाद भड़की हिंसा से पूरी मुंबई मनसे के आतंक से भयभीत हो गई।
मनसे कार्यकर्ताओं का गुस्सा टैक्सी, रिक्शा, बसों और दुकानों पर फूटा, जिसकी वजह से करोड़ों रुपये की सरकारी और निजी संपति का नुकसान हुआ। डर और भय के माहौल से बंद हुए बाजार की वजह से कारोबारियों को भी इस त्योहारी मौसम में करोड़ों रुपये का चूना लगा।
अगर कुल नुकसान की बात की जाए तो दिनभर में करीब अरबों रुपये का कारोबार ठप हो गया। देश की आर्थिक राजधानी में मंगलवार सुबह से ही जारी मनसे कार्यकर्ताओं के तांडव के कारण मुंबई के प्रमुख व्यापारिक संस्थान या तो बंद कर दिए गए यह फिर इनमें सही तरीके से काम नहीं हो पाया क्योंकि कोई भी संस्थान अपने कर्मचारियों के जान-माल को जोखिम में नहीं डालना चाहता था।
कपड़ा बाजार, ज्वेलरी की दुकानों सहित लगभग सभी बाजार बंद कर दिए गए। कपड़ा कारोबारियों की प्रमुख संस्था हिंदुस्तान चेम्बर्स ऑफ कामर्स के अध्यक्ष शंकर केजरीवाल के अनुसार पूरे बाजार की बात की जाए तो अरबों रुपये का नुकसान हुआ है।
उनके अनुसार कपड़ा बाजार की एक दिन की थोक एवं खुदरा बिक्री 50 करोड़ रुपये की है जो आज पूरी तरह से ठप रही। सोने-चांदी के कारोबारी कुमार जैन कहते हैं कि डर की वजह से की गई यह बंदी किसी भी मायने में सही नहीं कही जा सकती है।
उनके अनुसार जेम्स एंड ज्वेलरी कारोबारियों को इस बंदी की वजह से लगभग एक करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है। बाजार में पैदा हुए भय के माहौल का ज्यादा असर चाय, पान, सब्जी विक्रेताओं और फुटपाथी दुकानदारों का कारोबार पर पड़ा। फुटपाथी दुकानदार जयेश केअनुसार बाजार बंद होने का असली असर तो हमारे पेट पर पड़ता है।
टैक्सियां-बसें बनीं निशाना
मनसे कार्यकर्ताओं का सड़कों पर शुरू हुआ कहर एक बार फिर गरीब टैक्सी और रिक्शा वालों के साथ-साथ बेस्ट की बसों पर बरपा।
मुंबई सेंट्रल, परेल, बोरीवली, मलाड, बांद्रा, दहिसार, मुलुंड सहित लगभग सभी क्षेत्रों में टैक्सी और रिक्शा मनसे के गुस्से के शिकार बने। वर्ली इलाके में तोड़ी गई एक टैक्सी के चालक आशिफ दुखी स्वर में बताते हैं कि दिन भर की हजार पांच सौ की कमाई तो गई ही, साथ ही इस तोड़-फोड़ से गाड़ी में 20-25 हजार रुपये का नुकसान हुआ है।
अनुमानित रूप से इन दंगों से यातायात के साधनों को 10 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। मुंबई सहित पूरे महाराष्ट्र में फैले दंगे से करीब 50 बसों में तोड़-फोड की गई, जिनमें खबर लिखे जाने तक सतारा में 15 बसों, नागपुर में 10, नासिक में 8 बसों में तोड़-फोड क़ी खबर मिली थी। बसों में हुई तोड़-फोड से राज्य सरकार को लगभग 50 लाख रुपये का नुकसान हुआ है।