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यूपी में नई EV Policy को मिली मंजूरी, इलेक्ट्रिक कार खरीदने पर मिलेगी 1 लाख रुपये तक की सब्सिडी

Last Updated- December 11, 2022 | 1:46 PM IST

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने भारी भरकम छूट, रियायतों और सुविधाओं के साथ नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति जारी कर दी है। नीति के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद करने वालों, वाहनों के चार्जिंग स्टेशन, स्वेपिंग सेंटर  स्थापित करने वालों के साथ ही वाहन निर्माताओं को भी खास रियायतें दी जाएंगी।
 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति को मंजूरी दी गई है। इसी के साथ ही मंत्रिपरिषद ने नई दुग्ध नीति व वस्त्र उद्योग नीति को भी मंजूरी दी है। उत्तर परदेश में 4000 करोड़ रुपये से स्टार्ट अप फंड बनाने के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी गई है। इसमें प्रदेश सरकार का योगदान 400 करोड़ रुपये होगा जबकि 3600 करोड़ रुपये बाजार से लिए जाएंगे। वर्तमान में उत्तर प्रदेश में कुल 6654 स्टार्टअप काम कर रहे हैं।
 
गुरुवार को मंजूर इलेक्ट्रिक वाहन नीति के मुताबिक प्रदेश में 2030 तक सभी 17 नगर निगम सीमा क्षेत्र में सार्वजनिक परिवहन ईवी के जरिए ही सुनिश्चित किया जाएगा। इसके अलावा राज्य सरकार अन्य शहरों व ग्रामीण क्षेत्रों में भी ईवी सार्वजनिक परिवहन को प्रोत्साहित करेगी जिसके लिए 2025 कुछ हरित मार्गों को चिन्हित किया जाएगा। इन हरित मार्गों पर ई बसों का संचालन किया जाएगा। प्रदेश सरकार ने नीति में 2030 सो फीसदी सरकारी वाहनों को ईवी करने का भी लक्ष्य रखा है। इसके लिए सरकारी विभाग व उनके अधीनस्थ संस्थाएं सरकारी अभिकरणों जैसे राजस्थान इलेक्ट्रानिक्स इंस्ट्रूमेंट लिमिटेड या एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज से बिना निविदा के वाहन खरीद सकेंगे। नीति में सरकारी कर्मचारियों के देय वाहन एडवांस में ईवी वाहनों को भी शामिल किया गया है।
 
उत्तर प्रदेश की नयी ईवी नीति में चार्जिंग स्टेशनों व वैटरी बदलने वाले स्वैपिंग सेंटरों की स्थापना पर भी खास छूट दी गई है। नीति के मुताबिक राज्य में पहले 2000 चार्जिंग स्टेशनों को उनकी स्थापना पर 20 फीसदी की दर से स्थाई पूंजी निवेश पर एकमुश्त कैपिटल सब्सिडी दी जाएगी जो कि अधिकतम 10 लाख रुपये प्रति ईकाई होगी। इसी तरह प्रदेश में पहले 1000 स्वैपिंग स्टेशनों की स्थापना पर भी स्थाई पूंजी निवेश का 20 फीसदी कैपिटल सब्सिडी के तौर दी जाएगी जिसकी अधिकतम सीमा पांच लाख रुपये होगी।
 

इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर भी तमाम तरह की छूट का एलान करते हुए उत्तर प्रदेश की नई ईवी नीति में पहले तीन साल में खरीद पर रजिस्ट्रेशन शुल्क में 100 फीसदी की छूट दी जाएगी जबकि नीति के लागू होने के बाद के चौथे व पांचवे साल में केवल प्रदेश में बनने वाले ईवी की खरीद पर ही 100 फीसदी की छूट दी जाएगी।

 
इसके अलावा इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद करने वाले ग्राहकों को अर्ली बर्ड प्रोत्साहन के तौर पर नीति के लागू होने के एक साल तक कीमत में भी छूट दी जाएगी। यह प्रोत्साहन दो पहिया वाहनों के लिए एक्स फैक्ट्री कीमत का 15 फीसदी या अधिकतम 5000 रुपये होगा जो कि अधिकतम दो लाख वाहनों को मिलेगी। तीन पहिया ईवी के लिए 12000 रुपये प्रति वाहन की सीमा तक या एक्स फैक्ट्री लागत का 15 फीसदी सब्सिडी अधिकतम 30000 वाहनों की दी जाएगी। चार पहिया ईवी वाहनों को एक्स फैक्ट्री लागत का 15 फीसदी या अधिकतम एक लाख रुपये तक की सब्सिडी अधिकतम 25000 वाहनों को दी जाएगी। गुड्स कैरियर ईवी खरीदने पर यह 10 फीसदी या अधिकतम एक लाख रुपये होगी।

 
मंत्रिपरिषद ने गुरुवार को नयी दुग्ध नीति के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए इस क्षेत्र में 5000 करोड़ रुपये तक के निवेश का रास्ता खोल दिया है। नीति के तहत 1.25 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। नीति के मुताबिक डेरी उद्योग की स्थापना करने वालों को पांच करोड़ रुपये तक का अनुदान मिल सकेगा। नीति के बारे में जानकारी देते हुए पशुधन विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि प्रदेश में दुग्ध उत्पादन की क्षमता को बढ़ाकर बाजार में हिस्सेदारी 44 फीसदी से बढ़ाकर 60 फीसदी तक किया जाएगा। सूक्ष्म लघु उद्योग क्षेत्र के तहत चीज व आइसक्रीम का निर्माण करने वाली नवीन इकाइयों की स्थापना करना व उनके लिए उपकरण उपलब्ध कराना नीति में शामिल है। इस प्रस्तावित नीति के मुताबिक ब्याज प्रतिपूर्ति के साथ बाजार विकास प्रोत्साहन पर जोर दिया गया है। मंत्रिपरिषद ने नई वस्त्र नीति को भी मंजूरी दी है जिसके तहत इस उद्योग में निवेश करने वालों के लिए रियायतों का एलान किया गया है।
 
मंत्रिपरिषद के फैसले के मुताबिक इस बार प्रदेश में 73 लाख टन धान की खरीद की जाएगी। खरीफ के मौसम में मक्के और बाजरे की खरीद की जाएगी। मक्के का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी)1962 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है और बाजरे का 2350 रुपए प्रति क्विंटल रहेगा। मक्का के खरीद का लक्ष्य एक लाख टन रखा गया है जबकि बाजरा का लक्ष्य 5000 टन रखा गया है। प्रदेश के 25 जिलों में मक्के की खरीद की जाएगी और बाजरे की खरीद 18 जिलों में की जाएगी। किसानों को एक लाख चने के बीज व ढाई लाख मसूर बीज किट वितरित होंगे। प्राकृतिक खेती बोर्ड बनेगा। मुख्यमंत्री अध्यक्ष होंगे। कृषि मंत्री उपाध्यक्ष होंगे। साल में दो बार मीटिंग होगी। मुख्यसचिव की अध्यक्षता में एक अलग कमेटी बनेगी। बोर्ड में दो किसान व कृषि विशेषज्ञों को नियुक्ति होंगे। नमामि गंगे योजना का काम इस बोर्ड के जरिए होगा।
 
मंत्रिपरिषद के एक अन्य फैसले के मुताबिक अमेठी में 990 लोगों की क्षमता की जेल बनाई जाएगी।

First Published - October 13, 2022 | 5:13 PM IST

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