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जल्द घोषित होगी नई आईटी नीति

Last Updated- December 09, 2022 | 7:53 PM IST

वैश्विक आर्थिक मंदी के प्रतिकूल प्रभावों से निपटने और राज्य में औद्योगिक विकास को मजबूत करने के लिए पंजाब सरकार जल्द ही सूचना और प्रौद्योगिकी के लिए एक समर्पित औद्योगिक नीति जारी करने वाली है।


राज्य सरकार नई नीति के जरिए बड़ी आईटी कंपनियों को आकर्षित करना चाहती है। पंजाब के उद्योग मंत्री मनोरंजन कालिया ने बताया, ‘राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नीति के तहत आईटी उद्योग में कम से कम 300 लोगों को रोजगार की गारंटी दिए जाने की एवज में कंपनियों को 1:3 तल क्षेत्र अनुपात और मुफ्त जमीन के अलावा कई आकर्षक  पेशकश की जाएंगी।’

इस नई नीति के तहत दी जाने वाली पेशकशों की चर्चा करते हुए कालिया ने बताया कि उदाहरण के लिए 1000 वर्ग यार्ड जमीन पर किसी उद्योग को बैंक गारंटी जमा करने के बाद तीन मंजिला ऑफिस बनाने की अनुमति मिल जाती है और अगर वह उद्योग अपने औद्योगिक इकाई में कम से कम 300 लोगों को नौकरी पर रखता है ।

तो ऐसे में उस उद्योग को गारंटी राशि वापस कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि आगामी आईटी नीति का मुख्य उद्देश्य आईटी और आईटी आधारित सेवा (आईटीईएस) प्रदाताओं को अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के नजदीकी क्षेत्रों जैसे- रोपड़, गोइनवाल साहिब और जालंधर जिले में इकाई स्थापित करने के लिए छूट दी जाएगी।

इसके अलावा, आईटी औद्योगिक इकाइयों को निर्बाध बिजली आपूर्ति भी सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने यह दावा किया है कि छूट-पेशकश के लिए यह नई आईटी नीति पिछले सभी नीतियों को पीछे छोड़ देगी।

नई आईटी नीति के तहत आईटी कंपनियों को नि:शुल्क भूमि, पूंजी निवेश पर रियायतें, बिजली शुल्क, स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क आदि में भी छूट दी जाएंगी।

हालांकि कालिया ने यह भी बताया कि उन आईटी कंपनियों में जहां कि कर्मचारियों की संख्या निर्दिष्ट संख्या से कम होगी वहां छूट भी कम दी जाएगी।

कालिया ने बताया कि आईटी कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों की तनख्वाह 5000 रुपये प्रति माह और वेतन ब्रैकेट के ऊपर और रोजगार स्तर दो सालों तक स्थायी होना चाहिए।

उन्होंने बताया कि उन आईटी इकाइयों को अगले पांच सालों तक बिजली शुल्क का भुगतान नहीं करना होगा और साथ ही पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से भी छूट दी जाएगी।

कालिया ने बताया कि नई आईटी नीति के प्रारूप को मंत्रालय स्तर पर पहले ही विचार-विमर्श किया जा चुका है और राज्य कैबिनेट मंत्रियों के अंतिम इशारे के बाद इसे जल्द ही मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।

First Published - January 8, 2009 | 9:13 PM IST

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