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यूपी में इस वर्ष के अंत तक लागू होगी नई पर्यटन नीति

Last Updated- December 11, 2022 | 3:33 PM IST

उत्तर प्रदेश में निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए नई पर्यटन नीति लायी जाएगी। अगले साल की शुरुआत में प्रस्तावित वैश्विक निवेश सम्मेलन से पहले ही नई पर्यटन नीति लागू कर दी जाएगी। इसमें एडवेन्चर, वेलनेस, ईको-टूरिज्म, मोटर कैरेवान आदि नये पर्यटन के विकल्पों पर विशेष जोर देते हुए  निवेशकों को खास रियायतें दी जाएंगी।

उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह के मुताबिक वर्ष 2018 में घोषित नीति हालांकि 2023 तक के लिए लागू है पर अगले साल जनवरी में प्रस्तावित वैश्विक निवेश सम्मेलन को देखते हुए इसे चार महीने पहले ही खत्म करते हुए नई नीति लायी जा रही है। उन्होंने कहा कि कि नई पर्यटन नीति का मसौदा तैयार कर लिया गया है और इसे इसी साल नंवबर में मंत्रिपरिषद से स्वीकृति मिलते ही लागू कर दिया जाएगा।

सिंह ने बताया कि नई पर्यटन नीति-2022 में पर्यटन सेक्टर में भारी निवेश के लिए निजी क्षेत्र को प्रोत्साहित किये जाने पर जोर दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि नई नीति के तहत एडवेन्चर, वेलनेस, ईको-टूरिज्म, मोटर कैरेवान आदि नये पर्यटन के विकल्पों पर फोकस किया गया है। इसके साथ ही प्रदेश में पर्यटन संबंधी सुविधायें सैलानियों के अनुकूल एवं पसंद के अनुसार विकसित की जा रही हैं। इससे पर्यटन के क्षेत्र में काफी निवेश आने की सम्भावनायें हैं।

पर्यटन मंत्री ने बताया कि 2018 में जारी की गयी नीति के कहत प्रदेश में विभिन्न स्थानों का विकास कराया गया है। नीति के तहत ही बीते चार सालों में 2209 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 80,000 लोगों को रोजगार का अवसर मिला है। उसके साथ ही पर्यटन व्यवसाय से जुड़े सेवाक्षेत्र के ट्रांसपोर्ट्स, ट्रेवल एजेन्ट, टैक्सी, होटल एवं रेस्टोरेन्ट कारोबारियों को भी लाभ मिला है।

उन्होंने कहा कि पर्यटन क्षेत्र में निवेश की काफी संभावनायें होने के कारण प्रदेश सरकार द्वारा इस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि विश्व बैंक की सहायता से प्रदेश में प्रो-पुअर पर्यटन विकास परियोजना का संचालन किया जा रहा है। इस परियोजना में प्रदेश के चार प्रमुख पर्यटन क्षेत्रों-आगरा, ब्रज, सारनाथ एवं कुशीनगर के तहत  पर्यटन विकास संबंधी गतिविधियों के माध्यम से गरीबी उन्मूलन तथा रोजगार सृजन किया जा रहा है। योजना के तहत आगरा में 26.47 करोड़ रूपये की लागत से कछपुरा एवं मेहताबबाग क्षेत्र और मथुरा में 26.91 करोड़ रूपये की लागत से बाकेबिहारी मंदिर क्षेत्र वृन्दावन का विकास एवं सौन्दर्यीकरण का कार्य पूरा कराया गया है। इसके अलावा निवेशकों की पर्यटन के क्षेत्र में निवेश में बढ़ती रुचि के मद्देनजर कई नई परियोजनायें संचालित किये जाने की तैयारी की गयी है। इनमें बुन्देलखण्ड के पुराने किले, महल, गढ़ी, दुर्ग आदि शामिल हैं।

First Published - September 15, 2022 | 7:21 PM IST

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