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ट्रैक्टर नहीं अब ट्रिलर कहिए

Last Updated- December 05, 2022 | 4:27 PM IST

हल-बैल ही नहीं अब तो ट्रैक्टर को भी भूलने की बारी आ गई है। खेत-खलिहानों में ट्रैक्टर की जगह लेने के लिए ‘बिड़ला हरित’ तैयार है। केन्द्रीय बजट में कृषि क्षेत्र पर खास ध्यान देने की घोषणा के बाद यस बिड़ला समूह की कंपनी बिड़ला पावर साल्युशन लि. ने बिड़ला हरित नाम से एक ट्रिलर की पेशकश की है। यह ट्रिलर ट्रैक्टर के जरिए किए जाने वाले कामों के अलावा भी कई काम कर सकता है और वह भी वाजिब लागत पर।
बाजार में ट्रैरक्टर की कीमत करीब 4.5 लाख रुपये है जबकि हरित की कीमत केवल 1,20,000 हजार रुपये है। कंपनी सरकार से प्रति ट्रिलर 30,000 रुपये की सब्सिडी हासिल करने की कोशिश भी कर रही है। कंपनी सब्सिडी हासिल करने के लिए आवश्यक दो परीक्षणों पर पहले ही खरा उतर चुकी है। कंपनी के महाप्रबंधक हिमांशु कोहली ने बताया कि तीसरा परीक्षण पास करने के बाद ट्रिलर की कीमत घटकर 90,000 रुपये रह जाएगी। किसान यह कीमत आसानी से चुका सकते हैं।
कंपनी ने बिड़ला हरित सहित तीन नए कृषि उत्पादों की पेशकश की है। इन उत्पादों को सबसे पहले ऋषिकेश में बेचा जाएगा। कंपनी के अध्यक्ष और सीईओ कल्याण भट्टाचार्य ने कहा कि ‘हमें बिड़ला हरित को लांच करके काफी खुशी है।’ डीजल से चलते वाले हरित का इस्तेमाल मुख्यत: खेत जोतने के लिए किया जाता है और इसका छोटा आकार पहाड़ी इलाकों या छोटी जोतों के लिए काफी फायदेमंद है।
कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि यह मशीन जोताइ, रोपाई और थ्रेसिंग सहित फसल तैयार होने के प्रत्येक चरण में उपयोगी है। भट्टाचार्य ने कहा है कि पहाड़ी इलाकों में ट्रैरक्टर का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है जबकि  ऐसी जगह पर हरित आसानी से काम करता है। इस ट्रिलर में 11 बीएचपी का जापानी यन्मार इंजन लगा हुआ है। कंपनी को यूरो तीन मंजूरी मिल चुकी है और मशीन में 12वोल्ट की इलेक्ट्रिक प्रणाली लगी हुई है। भट्टाचार्य ने कहा कि कंपनी देहरादून स्थित लाल तप्पार विनिर्माण संयंत्र की उत्पादन क्षमता 250 ट्रिलर प्रति माह है। कंपनी शुरूआत में प्रतिमाह 100 ट्रिलर तैयार कर रही है।

First Published - March 5, 2008 | 8:27 PM IST

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