हाल ही में छत्तीसगढ़ में हुए विधानसभा चुनावों में हार का मुंह देखने वाले प्रत्याशियों ने चुनाव प्रक्रिया का विरोध करते हुए याचिकाएं दायर की थीं।
इस वजह से करीब 3,500 इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को अलग कर रख देना पड़ा है जिसका इस्तेमाल इस दफा लोकसभा चुनावों में नहीं किया जा सकता है।
राज्य के चुनाव अधिकारियों के सामने सबसे बड़ी समस्या है चुनावों के लिए नई वोटिंग मशीनों का इंतजाम करना। सूत्रों के मुताबिक राज्य की 90 विधानसभा सीटों में से 12 सीटें ऐसी हैं जिनमें हारने वाले प्रत्याशियों ने जीतने वाले उम्मीदवारों के खिलाफ याचिकाएं दायर की थीं।
राज्य में विधानसभा की सीटों के लिए दिसंबर 2008 में चुनाव संपन्न हुए थे। अब मुश्किल यह है कि जब तक चुनाव आयोग इन याचिकाओं के बारे में कोई फैसला नहीं ले लेता है तब तक इन वोटिंग मशीनों को सहेज कर रखा जाना है।
राज्य के चुनाव अधिकारी ने बताया, ‘इन मशीनों को सहेज कर रखना है ताकि विधानसभा चुनाव से जुड़े आंकड़ें इसमें बने रहें।’