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उत्तराखंड में जैविक खेती की बेकरारी

Last Updated- December 07, 2022 | 1:45 PM IST

जैविक खेती को लेकर इन दिनों कई बड़ी कंपनियां उत्तराखंड के साथ करार करने को लालायित नजर आ रही है।


इस मामले में उत्तराखंड सरकार से रिलायंस, भारती व आईटीसी जैसी कंपनियां संपर्क कर रही हैं। आईटीसी की तरफ से 1500 हेक्टेयर जमीन में उपजने वाले गेहूं की खरीदारी के लिए अनुबंध भी कर लिया गया है। निजी कंपनियों की बढ़ती रुचि के कारण इस साल चावल की जैविक खेती में पिछले साल के मुकाबले बढ़ोतरी दर्ज की गयी है।

राज्य सरकार के मुताबिक जैविक तरीके से उपजाए गए गेहूं की खरीदारी आईटीसी 15.65 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से करेगी। गेहूं का सरकारी समर्थन मूल्य 1000 रुपये प्रति क्विंटल है। उत्तराखंड के कृषि मंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘जैविक तरीके से उगाए गए चावल की खरीदारी में ही अधिकतर कंपनियों की दिलचस्पी होती है। लेकिन सरकार के प्रयास से गेहूं की खरीदारी के लिए भी निजी कंपनियों को राजी किया जा रहा है।’

फिलहाल 1500 हेक्टेयर की गेहूं उपज के लिए यह करार किया गया है। आने वाले समय में इसमें और बढ़ोतरी की उम्मीद है। एक हेक्टेयर में 27 क्विंटल गेहूं की पैदावार होती है। सरकार के मुताबिक जैविक तरीके से उपजने वाले बासमती चावल की मांग लगातार बढ़ रही है। इस कारण अनुबंध का क्षेत्र भी हर साल बढ़ रहा है। रावत ने बताया कि पिछले साल 2000 हेक्टेयर जमीन में बासमती चावल की बिजाई की गयी थी जबकि इस साल यह बिजाई 2500 हेक्टेयर जमीन में की गयी है। जैविक तरीके से खेती करने वाले किसानों के लाभ में भी लगातार इजाफा हो रहा है।

First Published - July 28, 2008 | 10:44 PM IST

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