facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

…वर्ना खारिज हो जाएंगे सभी सेज

Last Updated- December 06, 2022 | 11:40 PM IST

विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) पर मध्य प्रदेश सरकार ने केंद्र के सामने नया पासा फेंका है।


उसका कहना है कि अगर केंद्र सरकार विशेष आर्थिक क्षेत्र के मद्देनजर क्षतिपूर्ति का विकल्प नहीं मुहैया कराती है, तो राज्य सरकार मध्य प्रदेश के सभी सेज प्रस्तावों को खारिज कर देगी।


इसके अलावा राज्य सरकार ने सेंट्रल सेल्स टैक्स में कमी किए जाने के मद्देनजर पर्याप्त मुआवजे की भी मांग की है। सेंट्रल सेल्स टैक्स का भारी विरोध करने के बाद अब मध्य प्रदेश सरकार राज्य सरकार द्वारा लगाए जाने वाले हर टैक्स का प्रावधान किए जाने की मांग कर रही है। सेंट्रल सेल्स टैक्स पर बनी कमिटी ने राज्यों को इस टैक्स को कम करने को कहा है, जिसे धीरे-धीरे खत्म करने की योजना है।


राज्य के वित्त मंत्री राघवजी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि विशेष आर्थिक क्षेत्र सामान्यतया बड़े शहरों के पास स्थित होते हैं और इसके लिए संबंधित इलाकों में बुनियादी ढांचे मसलन सड़क, स्कूल और अस्पताल आदि बनाने की जरूरत पड़ेगी, लेकिन सरकार किसी तरह का टैक्स नहीं लगा सकती। इसके मद्देनजर राज्य के एसईजेड के लिए केंद्र सरकार को मुआवजा मुहैया कराना चाहिए।


राज्य में कई विशेष आर्थिक क्षेत्र बनाए जाने का प्रस्ताव है और राज्य के वित्त मंत्री के मुताबिक, इससे राज्य को हर साल 50 करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि सरकार ने सेंट्रल सेल्स टैक्स को कम करने के लिए भी खास मुआवजे की मांग की है। हालांकि उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इस मामले में उचित समाधान ढूंढेगी और आखिरकार राज्य सरकार टैक्स में कमी में करेगी। 


गौरतलब है कि राज्य सरकार को सेंट्रल सेल्स टैक्स को 3 फीसदी से घटाकर 2 फीसदी करना पड़ेगा। पिछले हफ्ते इस बाबत केरल में विभिन्न राज्यों और केंद्र के नुमाइंदों की हुई बैठक में मध्य प्रदेश ने टैक्स में कमी और विशेष आर्थिक क्षेत्र के मद्देनजर मुआवजे की मांग की थी। वर्तमान में खाद्यान्नों को छोड़कर हर आइटम पर सेंट्रल सेल्स टैक्स लगता है।


राज्य के वित्त मंत्री ने कहा कि टैक्स वसूली का ज्यादातर हिस्सा केन्द्र सरकार को चला जाता है, जबकि राज्यों को इसका सिर्फ 30.5 फीसदी ही मिलता है। सेज का मसला शुरू से ही विवादों में घिरा रहा है। देश के कई हिस्सों में इस प्रोजेक्ट के खिलाफ जमकर विरोध-प्रदर्शन भी हुए थे।


इस सिलसिले में किसानों की जमीन के अधिग्रहण मुद्दे पर खासा बवाल हुआ था और इसके मद्देनजर केंद्र सरकार ने इस बाबत नए दिशा-निर्देश जारी किए थे। राघव जी 2010 से एक समान वस्तु एवं सेवा कर का भी यह कहते हुए विरोध किया कि वैट को लागू करने के बाद राज्य सरकार एक और जटिल कर प्रणाली को लागू करने की स्थिति में नहीं है।

First Published - May 14, 2008 | 11:05 PM IST

संबंधित पोस्ट