facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

पवार ने देशमुख के इस्तीफे की संभावना से किया इनकार

Last Updated- December 12, 2022 | 6:46 AM IST

मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के पत्र से महाराष्ट्र की राजनीतिक गलियारों में उठा भूचाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। सत्ताधारी दल शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अब गृहमंत्री अनिल देशमुख के पक्ष में मजबूती से खड़े होकर कह रहे हैं कि गृहमंत्री के इस्तीफे का सवाल ही नहीं हैं। दूसरी ओर भाजपा राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग कर रही है। इस बीच अपने आरोपों को सही बताते हुए परमबीर सिंह ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
महाराष्ट्र सरकार के शिल्पकार राकांपा अध्यक्ष शरद पवार गृहमंत्री देशमुख के बचाव में खड़े हो गए। पवार ने सोमवार को कहा, ‘देशमुख कोरोनावायरस संक्रमण के चलते 5 से 15 फरवरी तक नागपुर के एक अस्पताल में भर्ती थे और उसके बाद 27 फरवरी तक वह क्वारंटीन में रह रहे थे। सभी सरकारी रिकॉर्ड भी यही कहते हैं कि वह तीन सप्ताह तक मुंबई में नहीं थे। वह नागपुर में थे जो उनका गृहनगर है इसलिए ऐसी स्थिति में इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता। भाजपा की इस मांग का कोई तुक नहीं है कि आरोपों की जांच होने तक देशमुख को इस्तीफा दे देना चाहिए।’ सिंह के पत्र का जिक्र करते हुए पवार ने कहा कि यदि आईपीएस अधिकारी को यह पता था कि देशमुख ने फरवरी के मध्य के आसपास वाझे को बुला कर उससे पूंजी वसूलने को कहा था तो उन्होंने आरोप लगाने में एक महीने का इंतजार क्यों किया।
उन्होंने कहा, ‘यह पूरा मामला उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर एक कार से विस्फोटक सामग्री मिलने से जुड़ा है और एटीएस ने कारोबारी मनसुख हिरेन की मौत के मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है। विस्फोटक सामग्री वाली कार हिरेन से जुड़ी थी। मेरा मानना है कि एटीएस सही दिशा में जा रही है। देशमुख के अस्पताल में भर्ती होने के बारे में मेरे पास कल सूचना नहीं थी, इसलिए मैंने कहा था कि यह एक गंभीर मुद्दा है। लेकिन नागपुर अस्पताल से सूचना मिलने के बाद आज यह पूरी तरह स्पष्ट है कि देशमुख के खिलाफ आरोप सही नहीं है।’ यह पूछे जाने पर कि क्या सिंह के आरोप की जांच होनी चाहिए, पवार ने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे यदि चाहें तो वह किसी भी अधिकारी या मंत्री की जांच करा सकते हैं और उन्हें कोई नहीं आपत्ति होगी। पवार के बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने वीडियो जारी कर कहा कि देशमुख ने 15 फरवरी को संवाददाता सम्मेलन किया था।
अदालत में परमबीर
परमबीर सिंह ने अदालत से महाराष्ट्र के गृहमंत्री के कथित कदाचार की फौरन सीबीआई से निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच कराने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया।  सिंह, 1988 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी हैं। सिंह ने एक अंतरिम राहत के तौर पर अपने तबादला आदेश पर रोक लगाने और राज्य सरकार, केंद्र तथा सीबीआई को देशमुख के आवास की सीसीटीवी फुटेज फौरन कब्जे में लेने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया है। सिंह ने आरोप लगाया है, देशमुख ने अपने आवास पर फरवरी 2021 में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की अनदेखी करते हुए अपराध खुफिया इकाई, मुंबई के सचिन वाझे और समाज सेवा शाखा, मुंबई के एसीपी संजय पाटिल सहित अन्य पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की तथा उन्हें हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली करने का लक्ष्य दिया था।

First Published - March 22, 2021 | 11:02 PM IST

संबंधित पोस्ट