One97 Communications के स्वामित्व वाली पेटीएम के शेयरों में आज यानी 24 सितंबर 2024 को जबरदस्त मांग देखने को मिली। इस दिन कंपनी के शेयरों में 4.02 प्रतिशत की तेजी आई, जिससे यह 677.75 रुपये प्रति शेयर का इंट्राडे हाई छू गए।
पेटीएम के शेयरों में आई इस तेजी का मुख्य कारण घरेलू ब्रोकरेज कंपनी Emkay द्वारा ‘रिड्यूस’ रेटिंग से ‘एड’ रेटिंग में सुधार करना रहा। खास बात यह रही कि ब्रोकरेज ने पेटीएम के शेयर का टारगेट प्राइस 2 गुना यानी 100 प्रतिशत बढ़ाकर 750 रुपये प्रति शेयर कर दिया, जो पहले 375 रुपये प्रति शेयर था।
Emkay के विश्लेषकों का कहना है कि नियामक दृष्टिकोण में सुधार से नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से नए यूजर्स और ऑनलाइन मर्चेंट्स को जोड़ने की मंजूरी मिलने की संभावना बढ़ गई है, जिससे पेटीएम का व्यवसाय बेहतर होगा। इसके साथ ही, पेटीएम के खर्चों को कम करने के उपाय कंपनी को जल्दी ही मुनाफा कमाने की राह पर ला सकते हैं।
Emkay के विश्लेषकों ने एक नोट में कहा, “हमने पेटीएम की रेटिंग को ‘एड’ में अपग्रेड किया है और डिस्काउंट कैश फ्लो (DCF)-आधारित टारगेट प्राइस को 375 रुपये प्रति शेयर से बढ़ाकर 750 रुपये प्रति शेयर कर दिया है, जो कि FY26E/27E EV/ऑपरेटिंग रेवेन्यू के 3.6x/3x को दर्शाता है,”
रेटिंग अपग्रेड के पीछे मुख्य कारण:
Emkay के विश्लेषकों के अनुसार, पेटीएम के व्यवसाय में सुधार की संभावनाएं अच्छी हैं क्योंकि नियामक दबाव कम हो रहे हैं और कंपनी की मजबूत मर्चेंट फ्रैंचाइज़ी (जो वर्तमान में लगभग 41 मिलियन मर्चेंट्स की है) सुरक्षित है। कंपनी ने 78 मिलियन यूजर्स (जो Q1FY25 में 100 मिलियन थे) को नए पार्टनर बैंकों में सफलतापूर्वक ट्रांसफर कर दिया है। इस बदलाव से NPCI की लंबे समय से अटकी मंजूरी मिलने की उम्मीद है, जिससे नए यूजर्स को जोड़ा जा सकेगा।
हाल ही में Foreign Investment Promotion Board (FIPB) की मंजूरी भी पेटीएम को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से लंबे समय से अटके पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस हासिल करने में मदद कर सकती है, जिससे ऑनलाइन मर्चेंट ऑपरेशंस को और सुरक्षा मिलेगी। हालांकि पोस्टपेड लोन सेगमेंट अभी धीमा है, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि मर्चेंट लोन कारोबार में अच्छी बढ़त हो रही है और यह तब तक मुख्य वृद्धि का कारण बन सकता है जब तक नए उत्पाद, जैसे मॉर्गेज और गोल्ड लोन, पूरी तरह से नहीं जम जाते।
जब नियामक और पार्टनर संबंधित चिंताएं कम होंगी, तब पोस्टपेड लोन बिज़नेस में भी तेजी आ सकती है। बेहतर व्यवसायिक दृष्टिकोण को देखते हुए, विश्लेषकों ने FY25-28 के लिए पेमेंट ग्रॉस मर्चेंडाइज वैल्यू (GMV) और ऑपरेशनल रेवेन्यू की कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) को क्रमशः 31 प्रतिशत और 22 प्रतिशत तक बदलाव किया है, जो पहले 25 प्रतिशत और 18 प्रतिशत थी।
खर्चों में कटौती से Q4FY25 तक पेटीएम को ऑपरेटिंग EBITDA में मुनाफा होने की उम्मीद।
पेटीएम FY25 में अपने खर्चों में बड़ी कटौती की योजना बना रहा है, जिसमें पुनर्गठन भी शामिल है। इसमें कर्मचारियों की खुद की मर्जी से और बिना मर्जी के छंटनी और मार्केटिंग खर्चों में कटौती की जाएगी, क्योंकि अब ज्यादातर भुगतान UPI पर हो रहे हैं। कंपनी का मानना है कि इससे कर्मचारियों की लागत में 400-500 करोड़ रुपये की बचत होगी।
साथ ही, लोन वितरण कारोबार में कम खर्च (खासकर सिर्फ वितरण मॉडल में बदलाव से कलेक्शन खर्च कम होने के कारण) से EBITDA पर दबाव भी कम होगा। इसलिए, FY25 में ऑपरेटिंग खर्चों (डीप्रिसिएशन और ESOP को छोड़कर) में सालाना 15 प्रतिशत की कमी की उम्मीद है।
इसके अलावा, ब्रोकिंग व्यवसाय में बढ़ती सफलता और मनोरंजन संपत्तियों की बिक्री से मिली ब्याज आय से पेटीएम Q4FY25 तक सकारात्मक ऑपरेटिंग EBITDA (ESOP और UPI इंसेंटिव्स को छोड़कर) हासिल कर सकता है।
आगे चलकर, भुगतान और लोन ऑपरेशंस से बढ़ते राजस्व, लगातार खर्चों में कटौती (जिससे FY26-28 में ऑपरेटिंग खर्चों का अनुपात 100 प्रतिशत से घटकर 95-89 प्रतिशत होने की उम्मीद है) और ESOP लागत में कमी से कंपनी को FY27 तक PAT (Profit After Tax) में मुनाफा मिलने की उम्मीद है, जो पहले FY28 के लिए अनुमानित था।