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कब्जा न लेने वाले उद्यमियों के भूखंड हो सकते हैं निरस्त

Last Updated- December 12, 2022 | 9:02 AM IST

दिल्ली सरकार ऐसे उद्यमियों पर सख्त हो गई है  जिन्होने पुनर्वास योजना के तहत आवंटित औद्योगिक भूखंड का पूरा भुगतान तो कर दिया है,  लेकिन अब तक इन भूखंड का कब्जा नहीं लिया है। सरकार भुगतान करने के बावजूद भूखंड का कब्जा न लेने वाले उद्यमियों के भूखंड का आवंटन निरस्त कर सकती है। हालांकि सरकार ने आवंटन निरस्त करने से पहले इन उद्यमियों को कब्जा लेने के लिए अंतिम मौका दिया हैं। पुनर्वास योजना के तहत दिल्ली सरकार ने करीब 22,000 उद्यमियों को औद्योगिक भूखंड आवंटित किए हैं।
पुनर्वास योजना की जिम्मेदारी संभालनी वाली दिल्ली सरकार की एजेंसी दिल्ली राज्य औद्योगिक अवसंरचना व विकास निगम (डीएसआइआइडीसी) के एक अधिकारी ने बताया कि पुनर्वास योजना के तहत वर्षों पहले आवंटित भूखंड का पूरा भुगतान करने के बावजूद बडी संख्या में उदयमियों ने अब तक कब्जा नहीं लिया है। कब्जा नहीं लेने वाले उद्यमियों को पहले भी कब्जा लेने के लिए कहा जा चुका है। इसके बावजूद करीब 800 उद्यमियों ने अब तक भुगतान करने के बाद भी भूखंड का कब्जा नहीं लिया है। निगम ने इन उद्यमियों को जल्द से जल्द कब्जा लेने के लिए आवेदन करने के नोटिस भेजे हैं। कब्जा लेने के लिए उद्यमियों को अंतिम मोहलत दी जा रही है। अगर इन उद्यमियों ने 13 फरवरी तक आवंटित भूखंड का कब्जा नहीं लिया, तो उनके आवंटन को निरस्त करने की कार्रवाई शुरू की जा सकती है।
उच्चतम न्यायालय के आदेश पर दो दशक पहले रिहायशी और नॉन कन्फर्मिंग क्षेत्रों में चल रहे उद्योगों के पुनर्वास की योजना बनी थी। इस योजना के तहत करीब 52,000 उद्यमियों ने आवेदन किए थे। इनमें से 27,000 आवेदन योग्य पाए गए थे। इन योग्य आवेदनों में करीब 22,000 उद्यमियों को बवाना, भोरगढ, नरेला, झिलमिल, बादली औदयोगिक क्षेत्रों में भूखंड आवंटित किए गए थे। इनमें सबसे अधिक भूखंड बवाना में और इसके बाद भोरगढ व नरेला में आवंटित हुए थे। पूरा भुगतान देकर कब्जा नहीं लेने वाले ज्यादातर उदयमियों के भूखंड भोरगढ में है।

 
 

First Published - January 29, 2021 | 11:55 PM IST

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