उत्तर प्रदेश में अब व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर किसी तरह का उपद्रव या गड़बड़ी होने पर पुलिस की आपात हेल्पलाइन सेवा 112 की मदद ली जा सकेगी।
अब प्रदेश में कहीं भी व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर उपद्रव, गाली-गलौच, मारपीट, विवाद आदि की सूचना पर पुलिस रिस्पांस व्हीक्ल (पीआरवी) कम से कम संभव समय में मौके पर पहुंचकर सहायता करेगी। इससे पहले आपातकालीन सहायता के लिए फोन करके 112 से पुलिस सहायता के लिए कॉल में 4-5 मिनट का अतिरिक्त समय लग जाता था। नयी सेवा के लागू होने से व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को पुलिस, चिकित्सा, फायर सर्विस की सहायता न्यूनतम समय में मिलेगी।
अपर मु य सचिव, गृह, अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि मु यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश के व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ किये जाने के लिए यूपी 112 की मदद ली जा रही है। इसके लिए यूपी 112 में लिंक प्रोजेक्ट की शुरूआत की गयी है जिसके जरिए प्रदेश के व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को आपातकालीन परिस्थितियों में न्यूनतम समय के भीतर पुलिस, चिकित्सा, फायर सर्विस आदि की सहायता उपलब्ध हो सकेगी। उन्होंने बताया कि इसकी शुरूआत यूपी 112 द्वारा पांच एजेंसियों के साथ पाइलट परियोजना के रूप में जुलाई 2020 में की गयी थी। अब स परियोजना को पूरे प्रदेश मे शुरु किया जा रहा है।
अवस्थी ने बताया कि इसके तहत अब तक उक्त एजेंसियों की 9636 साईट्स की लोकेशन को यूपी 112 के साथ इन्टीग्रेट किया जा चुका है। इनमें से 4428 साईट्स का यूपी 112 की पीआरवी ने मौके पर जाकर भोतिक सुरक्षा सर्वे भी कर लिया है।
उन्होंने बताया कि यूपी 112 द्वारा वेबसाइट पर उपलब्ध कराये गये ‘लिंक 112 पंजीकरण विकल्प के जरिए इस योजना में अब तक कुल 684 पंजीकरण हुये हैं, जिनमें से 17 पंजीकरण प्राईवेट सिक्योरिटी एजेंसी द्वारा किये गये हैं बाकी पंजीकरण जनसामान्य की ओर से कराए गए हैं। पंजीकृत प्राईवेट सिक्योंरिटी एजेंसियों को साथ यू0पी0 112 के एकीकरण की प्रक्रिया एजेंसी वार अलग-अलग चरण में जारी है। प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसियों को अपने स्तर पर केन्द्रीय कृत एलार्म रिसेप्शन सेण्टर की व्यवस्था करने को कहा गया है। व्यवस्था न होने तक उन्हें 112 इंडिया एप और यूपी सिटीजन एप 112 के जरिए पुलिस सहायता दी जाएगी।