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सचिन वाझे पर मुंबई से दिल्ली तक सियासी सरगर्मी तेज

Last Updated- December 12, 2022 | 6:48 AM IST

उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिली विस्फोटक भरी गाड़ी के बाद पुलिस अधिकारी सचिन वाझे की बर्खास्तगी और मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के तबादले के बाद भी राज्य की सियासत शांत होती नहीं दिख रही है। राज्य की बदली परिस्थिति ने महाराष्ट्र से लेकर दिल्ली तक सियासी सरगर्मी तेज कर दी है। सत्ता और विपक्ष के नेताओं का दिल्ली दौरा बढ़ गया है। भाजपा राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर रही है, तो सत्ताधारी दल राजनीतिक नुकसान की भरपाई के रास्ते तलाशने में जुटे हुए हैं।
महाराष्ट्र के गृहमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता अनिल देशमुख ने शुक्रवार को दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष शरद पवार से मुलाकात की। मुलाकात के बाद देशमुख ने कहा कि अंबानी विस्फोटक मामले की जांच एनआईए और एटीएस कर रही है। राज्य सरकार जांच में पूरा सहयोग करेगी। इस मामले में जो भी दोषी होगा, उस पर कार्रवाई होगी । देशमुख ने कहा कि पवार के साथ कई मामलों पर बात हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार वाझे मामले की जांच में एनएआई को पूरा सहयोग कर रही है। हिरेन मनसुख हत्या मामले की जांच जारी है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि मुकेश अंबानी के घर के बार विस्फोटक मामले को देशमुख ने जिस तरीके से संभाला है, उससे शरद पवार काफी नाराज हैं। ऐसे में अनिल देशमुख को गृह मंत्री के पद से हटाया जा सकता है। शिवसेना मुंबई पुलिस के आयुक्त परमबीर सिंह को हटाने के साथ ही गृह मंत्री को हटाना चाह  रही है, ताकि विस्फोटक मामले के लिए केवल शिवसेना को ही जिम्मेदार न समझा जाए।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने दो दिन पहले अचानक मुंबई से दिल्ली गए, जहां उन्‍होंने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। हालांकि इस मुलाकात में क्या बात हुई यह तो अधिकारिक तौर पर कुछ नहीं बताया गया, लेकिन कहा जाता है फडणवीस ने राज्य के कानून व्यवस्था की पूरी जानकारी केंद्र सरकार को दी। फड़णवीस शिवसेना पर हमला करते हुए कहते हैं कि सचिन वाझे और परमबीर सिंह पर कार्रवाई तो हो गई, लेकिन उनका क्या जो सरकार में बैठकर पूरे मामले को संभाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर मेरे पास सबूत नहीं होते, तो वाझे को महात्मा साबित कर दिया जाता।
इसके साथ ही महाराष्ट्र के भाजपा नेता नारायण राणे ने गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। राणे ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार सही तरीके से काम नहीं कर रही है, सब कुछ अधिकारियों की इच्छा पर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था की खराब हालत और भ्रष्टाचार के कारण मुंबई में मुकेश अंबानी जैसे व्यक्ति असुरक्षित हैं। मैंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री के इस्तीफे और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है।
मुंबई से दिल्ली तक बढ़ती सरगर्मी ने सत्तारुढ़ दल शिवसेना की चिंताएं बढ़ा दी है। राज्य में राष्ट्रपति शासन लगने के डर से शिवसेना इसे राज्य पुलिस के अपमान से जोड़ रही है। मुंबई पुलिस आयुक्त पद से परमबीर सिंह को हटाये जाने के दो दिन बाद शिव सेना ने उनका बचाव करते हुए कहा कि उनका तबादला उन्हें अपराधी नहीं बना देता है। सत्तारूढ़ पार्टी ने पिछले महीने उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के निकट वाहन में विस्फोटक मामले की जांच एनआईए द्वारा अपने हाथों में लेने के कदम पर भी सवाल खड़े किए। पार्टी ने कहा कि यह जांच एजेंसी सामान्य तौर पर आतंकवाद से संबंधित मामलों की जांच करती है, लेकिन इस मामले में आतंक का कोई पहलू भी नहीं था।
सामना ने अपने मुखपत्र के माध्यम से शिवसेना ने कहा कि मुंबई के कार्माइकेल रोड पर एक वाहन में 20 जिलेटिन छड़ें रखी थी, जिसकी वजह से पिछले कुछ दिनों में राज्य की राजनीति और प्रशासन में भूचाल आ गया। परमबीर सिंह को मुंबई पुलिस आयुक्त पद से हटा दिया गया और वरिष्ठ अधिकारी हेमंत नागराले को उनकी जगह तैनात किया गया। ये सभी नियमित तबादले नहीं थे। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी शिवसेना ने कहा कि एनआईए सामान्य तौर पर आतंकवादी गतिविधियों से संबंधित मामले की जांच करती है। इस मामले में आतंक का कोई पहलू नहीं है। फिर भी जांच एजंसी इसकी जांच के लिए आई है? उरी, पठानकोट, पुलवामा की एजेंसी की जांच अब भी रहस्यमय बनी हुई है। मुंबई में 20 जिलेटिन छड़ों का मिलना एनआईए के लिए बड़ी चुनौती प्रतीत हो रहा है।’
सामना में कहा गया कि परमबीर सिंह ने मुंबई पुलिस प्रमुख के तौर पर कोविड-19 महामारी जैसे मुश्किल वक्त में काम किया और पुलिस बल का मनोबल बढ़ाया। उनके कार्यकाल के दौरान ही टेलिविजन रेटिंग प्वाइंट्स (टीआरपी) घोटाला प्रकाश में आया। दिल्ली का एक खास गुट इसको लेकर उनसे नाराज चल रहा था। उन्होंने कहा कि सिंह का तबादला जरूर हुआ है, लेकिन इससे वह अपराधी नहीं बन जाते हैं। शिवसेना ने विपक्ष पर हिरेन की मौत पर राजनीति करने और पुलिस बल का मनोबल गिराने का आरोप लगाया।

First Published - March 20, 2021 | 12:31 AM IST

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