केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ विभिन्न पार्टियों को एकजुट करने के प्रयास के तहत तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार से मुंबई में मुलाकात किए जाने के बात राजनीति गरमा गई। शिवसेना और एनसीपी दावा कर रही हैं कि लोकसभा चुनाव के पहले भाजपा के खिलाफ तीसरा मोर्चा तैयार हो जाएगा। तो भाजपा का कहना है कि अतीत में ऐसे प्रयोग किये गए, लेकिन वे नाकाम हो गए। वहीं कांग्रेस दावा कर रही है कि कांग्रेस के बिना भाजपा के खिलाफ कोई भी मोर्चा कामयाब नहीं होगा।
भाजपा के खिलाफ तैयार किये जा रहे तीसरे मोर्चा पर भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि अतीत में ऐसे प्रयोग किये गए, लेकिन वे नाकाम हो गए। मुख्यमंत्रियों का इस तरह से मिलना कोई नयी बात नहीं है और राव ने उनसे भी मुलाकात की थी जब वह 2014 से 2019 के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे। इससे पहले भी 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले ये नेता एक साथ भाजपा का मुकाबला करने आए थे। लेकिन उससे कुछ नहीं हुआ। कई राज्यों में इस तरह के प्रयोग अतीत में भी किए गए थे। लेकिन उसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा। फडणवीस ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने तेलंगाना में चार सीटें जीती थीं। आने वाले समय में हमारी पार्टी उस राज्य में पहले नंबर पर होगी।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के केसीआर और शरद पवार समेत उद्धव ठाकरे के साथ हुई मुलाकात महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि मुलाकात में देश की मौजूदा राजनीति पर विस्तार से चर्चा हुई। इसके पहले महाराष्ट्र में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और शरद पवार से मुलाकात की थी अब चंद्रशेखर राव आए हैं। देश में बीजेपी का विकल्प बनाने की तैयारियां शुरू हो चुकी है। शरद पवार ने बार-बार यह कहा है कि देश में बीजेपी अगर बीजेपी दलों का एक व्यापक मोर्चा बने। जिसमें कांग्रेस पार्टी भी शामिल हो। ताकि साल 2024 में लोकसभा चुनाव के पहले जनता के सामने बीजेपी का एक मजबूत विकल्प रखा जा सके। मलिक ने कहा कि मुझे लगता है कि अब उस प्रक्रिया की शुरुआत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि चुनाव आते-आते देश में एक मजबूत मोर्चा बन जाएगा जो अगले चुनाव में भाजपा को केंद्र की सत्ता से बेदखल करेगा।
शिवसेना सांसद संजय राउत ने सोमवार को यह दावा किया है कि उन्होंने कभी भी यह नहीं कहा कि कांग्रेस के बगैर कोई फ्रंट बनेगा। जब यह बात ममता बनर्जी ने कही थी, उस समय भी शिवसेना पहली राजनीतिक पार्टी थी, जिसने यह कहा था कि इस फ्रंट में कांग्रेस को भी साथ लेना चाहिए। तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर के मुंबई दौरे से भाजपा के खिलाफ तीसरा मोर्चा बनाने चर्चा जोरों पर है। इसी मुद्दे पर कांग्रेस नेताओं ने यह कहा कि भाजपा के खिलाफ कोई भी मोर्चा कांग्रेस के बगैर नहीं बन सकता है।
गौरतलब है कि ममता बनर्जी की तरह केसीआर ने भी अपने मुंबई दौरे के दौरान शिवसेना और एनसीपी नेताओं से तो मुलाकात की लेकिन कांग्रेस के नेताओं से मुलाकात नहीं की। शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस मिलकर महाराष्ट्र में सरकार चला रहे हैं लेकिन भाजपा के खिलाफ तैयार किये जा रहे तीसरे मोर्चा के लिए होने वाली नेताों की बैठक में कांग्रेस को शामिल नहीं किया जाता है इसको लेकर कांग्रेस के नेता नाराज है क्योंकि उनको लग रहा है कि उनके दल की उपेक्षा की जा रही है।