अमूल को आने वाले दिनों में अपनी सहयोगी दूध की कंपनी पराग से तगड़ी प्रतिस्पर्धा झेलनी होगी।
पैकेजड दूध के बाजार में उत्तर प्देश में अमूल से कड़ी चुनौती पा रही, प्देशिक कोऑपरेटिव डेरी फेडरेशन (पीसीडीएफ) ने अपने ब्रांड पराग के नाम से आइसक्रीम बाजार में उतरने का मन बना लिया है। इस फैसले के बाद पराग और अमूल के बीच नई जंग शुरु होने के आसार हैं।
गौरतलब है कि 4 साल पहले जब अमूल नें उत्तर प्रदेश के बाजार में अपने ब्रांड उतारा तो उसे पराग ने कड़ी चुनौती दी थी। सरकारी क्षेत्र की इन दोनों कंपनियों ने बाद में आपस में समझौता कर स्वस्थ प्तिस्पर्धा का रास्ता अपनाना बेहतर समझा। अमूल के उत्तर प्रदेश में आने के साथ ही पराग ने अपनी आइसक्रीम के प्रोजेक्ट पर तेजी से काम शुरु कर दिया था।
हालांकि बाद में पीसीडीएफ ने इस परियोजना को कुछ दिनों के लिए ठंडे बस्ते में डाल अपने दूध के बाजार को मजबूत करना शुरु किया। अमूल के उत्तर प्रदेश के बाजारों में आने के 4 साल के बाद अब पराग नें फिर से आइसक्रीम के बाजार की ओर रुख किया है। पराग के महाप्रबंधक एस के प्रसाद ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि आइसक्रीम के लिए कंपनी गंभीरता से सोच रही है और जल्दी ही इसकी शुरुआत होगी।
उन्होंने बताया कि इस बार पराग आइसक्रीम का निर्माण खुद न कर इसके लिए फ्रेंचाइजी मॉडल अपनाने की सोच रही है। प्साद के अनुसार लखनऊ की कई बड़ी आइसक्रीम निर्माताओं ने इसके लिए संपर्क साधा है। जल्दी पीसीडीएफ फ्रेंचाइजी का चयन कर आइसक्रीम का विपणन शुरु कर देगी। पराग और अमूल के बीच प्तिस्पर्धा के बाबत पूछने पर प्मुख सचिव डेरी, अशोक कुमार ने बताया कि दोनी ही सहकारी क्षेत्र की कंपनियां हैं और इतने बड़े बाजार में सभी के लिए जगह है।
हालांकि उन्होंने कहा कि अभी इस बारे में कोई फैसला नही किया गया है कि आइसक्रीम बाजार में कब उतरना है।दूसरी और पराग डेरी के महाप्रबंधक का कहना है कि कई बड़ी आइसक्रीम निर्माता कंपनियां पीसीडीएफ के संपर्क में हैं और जल्दी ही फ्रेंचाइजी का चुनाव कर लिया जाएगा। उनका कहना है कि पराग ब्रांड की लोकप्रियता के चलते आइसक्रीम के बाजार में पैठ बनाना काफी आसान होगा।
इस समय पराग डेरी प्तिदिन 10 लाख लीटर दूध प्रतिदिन प्रदेश के कई बड़े शहरों में सप्लाई कर रहा है। दूध के आलावा पराग पनीर, दही, खोया और मिठाइयां बनाता है। कंपनी ने राज्य में पर्याप्त दुध उपलब्ध कराने के लिए खास कदम उठाएं हैं।