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विधानसभा सत्र के लिए राज्यपाल को फिर प्रस्ताव

Last Updated- December 15, 2022 | 4:21 AM IST

राजस्थान में मौजूदा राजनीतिक संकट के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल ने विधानसभा सत्र 31 जुलाई से बुलाने के लिए राज्यपाल को एक संशोधित प्रस्ताव भेजा जिसके मिलने की पुष्टि रविवार को राजभवन के सूत्रों ने की है। सूत्रों का कहना था कि शनिवार देर रात राजभवन में संशोधित प्रस्ताव भेजे गए जिसमें राज्य मंत्रिमंडल ने विधानसभा का सत्र 31 जुलाई से बुलाने का आग्रह किया है। विधानसभा सत्र बुलाने के लिए शुक्रवार को राजभवन में कांग्रेस विधायकों द्वारा दिए गए पांच घंटे के धरने के बाद राज्यपाल कलराज मिश्र ने राज्य सरकार से छह बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा था।
कांग्रेस पार्टी के सूत्रों के अनुसार राज्यपाल के आश्वासन के बाद ही राजभवन में धरना समाप्त कर दिया गया था। मिश्र ने कहा था कि वह संवैधानिक मर्यादा का पालन करेंगे और किसी प्रकार के दबाव में वह कोई कदम नहीं उठाएंगे। राज्यपाल ने गहलोत को स्पष्टीकरण के साथ विधानसभा सत्र बुलाए जाने के बारे में फिर से अपनी सिफारिशें भेजने को कहा था। राज्यपाल की तरफ से जो बयान जारी हुआ उसमें विधायकों के स्वतंत्र रूप से कहीं आने-जाने से जुड़े सवाल भी शामिल थे और यह भी पूछा गया था कि आखिर इतनी जल्दबाजी में सत्र आयोजन की क्या जरूरत है।
मुख्यमंत्री गहलोत की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक शनिवार शाम को मुख्यमंत्री आवास पर हुई। बैठक में उन बिंदुओं पर भी चर्चा की गई जो राज्यपाल ने पहले के प्रस्ताव में उठाए थे। इसके बाद संशोधित प्रस्ताव को मंजूर किया गया।
राज्य में कांग्रेस की सरकार बर्खास्त उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और 18 अन्य असंतुष्ट विधायकों की बगावत के बाद राजनीतिक संकट से जूझ रही है।

First Published - July 26, 2020 | 10:47 PM IST

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