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फडणवीस के बयान पर रार

Last Updated- December 11, 2022 | 8:45 PM IST

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से रविवार को साइबर पुलिस की पूछताछ का मामला भाजपा विधायकों ने विधानसभा के अंदर और बाहर जोरशोर से उठाया। जिस पर महाराष्ट्र के गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने सोमवार को कहा कि कथित अवैध फोन टैपिंग के मामले में मुंबई पुलिस द्वारा भाजपा नेता फडणवीस का बयान दर्ज किया जाना एक नियमित प्रक्रिया थी। सरकार की तरफ से कुछ जानबूझकर नहीं किया गया।
मुंबई में बीकेसी साइबर पुलिस की एक टीम ने रविवार को लगभग दो घंटे तक फडणवीस का बयान उनके आवास पर दर्ज किया। पुलिस ने पहले फडणवीस को पुलिस तबादलों में भ्रष्टाचार पर गोपनीय जानकारी लीक होने और फोन की कथित अवैध टैपिंग की जांच के सिलसिले में नोटिस जारी किया था। फडणवीस विधानसभा में विपक्ष के नेता भी हैं। सोमवार को विधानसभा में वलसे पाटिल ने कहा कि आपराधिक मामलों में कोई छूट नहीं है। उन्होंने कहा कि फडणवीस को एक आरोपी के तौर पर नहीं, बल्कि बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस भेजा गया है। यह एक नियमित प्रक्रिया थी, जानबूझकर कुछ भी नहीं किया गया है। मंत्री ने बताया कि अवैध फोन टैपिंग मामले में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है और 24 लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं। उन्होंने सदन को बताया कि सीआरपीसी की धारा 160 के तहत नोटिस का मतलब है कि बयान घर पर या पुलिस थाने में दर्ज किया जा सकता है। पुलिस ने केंद्रीय गृह सचिव से भी कहा है कि वह फडणवीस द्वारा दिए गए पेन ड्राइव को साझा करें।
राज्य में विपक्षी पार्टी भाजपा ने कहा कि वह फडणवीस थे, जिन्होंने पुलिस तबादलों में घोटाले का खुलासा किया। सदन में स्थगन नोटिस के माध्यम से इस मुद्दे को उठाते हुए भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि विधानमंडल के सदस्यों को विशेषाधिकार प्राप्त है और वे अपने स्रोतों को साझा नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने भी इसे बरकरार रखा है। सदन में मौजूद फडणवीस ने कहा कि कुछ दिन पहले जब उन्हें प्रश्नावली मिली, तो उन्होंने कहा था कि वह जवाब देंगे। उन्होंने दावा किया कि तब पूछे गए प्रश्न एक गवाह के लिए थे, लेकिन कल पूछे गए सवाल एक आरोपी के लिए थे। उनसे पूछा गया कि क्या आपको नहीं लगता कि आपने सरकारी गोपनीयता अधिनियम का उल्लंघन किया है। क्या यह एक गवाह के लिए है?
फडणवीस ने कहा,’एक व्हिसलब्लोअर (भंडाफोड़ करने वाले) के रूप में मुझे अधिनियम के तहत संरक्षण प्राप्त है। मैंने कहा कि मेरे साथ जो प्रतिलेख है, उसे केंद्रीय गृह सचिव के साथ साझा किया जाएगा, क्योंकि वह सक्षम प्राधिकारी हैं।’

First Published - March 14, 2022 | 11:28 PM IST

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