दीपावली के अवसर पर उत्तराखंड सरकार ने नई वेतन समिति की सिफारिशें लागू कर अपने कर्मचारियों को बेहतरीन तोहफा देने का निर्णय लिया है। इसके अनुसार कर्मचारियों के वेतन में 25 फीसदी और पेंशन की राशि में 40 फीसदी का इजाफा होगा।
सुशील कुमार त्रिपाठी समिति की सिफारिशें सरकार 1 जनवरी 2007 से लागू करेगी। मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया। इसके क्रियान्वयन से राज्य के 1 लाख 63 हजार कर्मचारियों और 60,000 पेंशनभोगियों को फायदा पहुंचेगा।
सरकार ने पेट्रोलियम सचिव सुशील कुमार त्रिपाठी की अध्यक्षता में 20 अगस्त को दो-सदस्यीय नई वेतन समिति गठित की थी। इस समिति को यह निर्देश दिया गया था कि छठे वेतन आयोग की सिफारिशों का अध्ययन कर वह सरकार को रिपोर्ट सौंपे। वित्त सचिव राधा रतूड़ी भी इसकी सदस्य थी।
कर्मचारियों के पिछले दो साल का बकाया जीपीएफ फंड में जमा होगा। कुल बकाए का 40 फीसदी यानी 1900 करोड़ रुपये इसी साल जमा किया जाएगा और बाकी 3100 करोड़ रुपये अगले वित्त वर्ष में जमा किए जाएंगे। कर्मचारियों का वेतनमान और महंगाई भत्ता केंद्रीय कर्मचारियों की तरह ही होगा। सितंबर माह के बकाए का भुगतान नकद किया जाएगा।
नए वेतन लागू होने से राजकोष पर प्रतिवर्ष 1000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त दबाव आएगा। इस साल वेतन के मद में 744 करोड़ रुपये और पेंशन के मद में 284 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। स्वास्थ्य मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक की अध्यक्षता में एक उप समिति बनाई जाएगी, जो संसाधनों का पता लगाएगी ताकि इस राजस्व दबाव को कम किया जा सके।
यह उप समिति यह भी सुझाव देगी कि लागत की कटौती और एफआरबीएम कानून को प्रभावित किए बिना कर्मचारियों का पुनर्संयोजन कैसे किया जाना चाहिए। इस निर्णय पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए खंडूड़ी ने कहा कि छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के परिप्रेक्ष्य में ही कर्मचारियों का वेतन बढ़ाया जा रहा है।