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दरकने लगे सदियों के रिश्ते, कश्मीरियों ने छोड़ा जम्मू का साथ

Last Updated- December 08, 2022 | 7:41 AM IST

कश्मीर के व्यापारी अब जम्मू के बजाय दिल्ली, पंजाब और हरियाणा से सीधे तौर पर कारोबार करना चाहते हैं।


इन राज्यों से होने वाले कारोबार में जम्मू एक तरह से बिचौलिये की भूमिका निभाता रहा है। जम्मू से अलग होकर व्यापार करने की मांग कश्मीर के 15 कारोबारी एसोसिएशनों ने उठाई है, जिसमें कश्मीर चैंबर ऑफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री, कश्मीर ट्रेड फेडरेशन, कश्मीर टूरिस्ट ऑर्गेनाइजेशन, होटल ऐंड रेस्टोरेंट ओनर्स एसोसिएशन आदि प्रमुख हैं।

इस बाबत कश्मीर चैंबर ऑफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष मोबिन शाह ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘अगर हम जम्मू के बजाय पंजाब, हरियाणा और दिल्ली से सीधे तौर पर कारोबार करें, तो उनको दिया जाने वाला कारोबारी खर्च बच जाएगा, जो 7-10 फीसदी है। यह रकम हम  लोग जम्मू के बिचौलियों को देते हैं।’

अगर ऐसा होता है, तो कश्मीर के कारोबारियों के लिए कपड़ा, मशीनरी, दवाई, वाहन और दैनिक उपभोग की अन्य वस्तुओं का व्यापार करने के लिए एक बहुत बड़ा बाजार मिल जाएगा। अनुमान लगाया जाता है कि कश्मीर से इन सामान का 5000 करोड़ रुपये का कारोबार होता है।

जम्मू चैंबर्स ऑफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री के वरिष्ठ सदस्य और जम्मू ऐंड कश्मीर फार्मा मैन्युफैक्चरर्स के अध्यक्ष राकेश गुप्प्ता ने कहा, ‘इस तरह की कोई बात हमारी जानकारी में नहीं है। एक महीने पहले जो कुछ कारणों से कारोबार पर असर पड़ा था, उस वजह से कश्मीर के व्यापारियों में थोड़ा रोष जरूर है और इसलिए वे ऐसा सोच रहे हैं।’

इंस्टीटयूशनल ट्रेडर्स एसोसिएशन ऑफ जम्मू के अध्यक्ष निगम गुप्ता ने कहा, ‘जम्मू के कारोबारियों का 5000 करोड़ रुपये का उधार कश्मीरी कारोबारियों पर है। वे उधार नहीं चुकाना चाहते हैं और यही वजह है कि वे इस तरह की बातें कर रहे हैं।’

उनका कहना है कि जो कारोबारी नकद में कारोबार करते हैं, उन्हें कोई समस्या नहीं है, लेकिन जो उधारी पर कारोबार करते हैं, वे ही इस तरह की बात कर रहे हैं।

First Published - December 5, 2008 | 9:00 PM IST

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