लगातार कम होते जा रहे कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए अब उत्तर प्रदेश में केवल लखनऊ, मेरठ, सहारनपुर और गोरखपुर जिलों में ही लॉकडाउन बना रहेगा। रविवार को प्रदेश सरकार ने नोएडा, गाजियाबाद, वाराणसी और मुजफ्फरनगर जिलों में कोरोना संक्रमण के सक्रिय मामले 600 से कम होने के चलते आंशिक कोरोना कफ्र्यू अथवा लॉकडाउन हटाने का फैसला किया। प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में मरीजों के बेहतर उपचार व देखभाल के लिए प्रदेश सरकार ने चिकित्सकों से प्रशासनिक कार्य न लेने का फैसला किया है। अब सरकारी अस्पतालों में प्रबंधन व प्रशासन से जुड़े काम देखने के लिए पेशेवर प्रबंधकों की नियुक्ति की जाएगी।
रविवार सुबह कोरोना से रोकथाम के लिए गठित वरिष्ठ अधिकारियों की टीम 9 की बैठक करते हुए मुख्मंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना के कम होते संक्रमण दर के मद्देनजर जिलों में कोरोना कफ्र्यू प्रभावी रखने के लिए 600 सक्रिय मामले का मानक तय किया गया है। अब तक 67 जिलों को कोरोना कफ्र्यू से छूट मिल चुकी है, जबकि ताजा स्थिति के अनुसार वाराणसी, गौतमबुद्ध नगर, मुजफ्फरनगर और गाजियाबाद जिले में कुल सक्रिय मरीजों की संख्या 600 से कम हो गई है। ऐसे में सोमवार से इन जिलों में भी सप्ताह में पांच दिन सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक कोरोना कफ्र्यू से छूट दी जाएगी। हालांकि साप्ताहिक व रात्रिकालीन बंदी सहित अन्य सभी संबंधित नियम इन जिलों में लागू होंगे। उन्होंने कहा कि मेरठ, लखनऊ, सहारनपुर और गोरखपुर जिलों की हालात पर लगातार नजर रखी जाए। इन जिलों के संबंध में मंगलवार को विचार किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में तैनात सीएमओ, डिप्टी सीएमओ और अतिरिक्त सीएमओ जैसे वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारियों के चिकित्सकीय अनुभवों का लाभ लिया जाना चाहिए। यह सभी ओपीडी में सेवाएं दें और टेलीकन्सल्टेशन के माध्यम से लोगों को चिकित्सकीय परामर्श दें।