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आईटी क्षेत्र में छंटनी और वेतन कटौती

Last Updated- December 08, 2022 | 6:44 AM IST

कोलकाता में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) के कर्मचारियों और नए स्नातकों पर मंदी ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है।


आईटी कंपनियों में वेतन में कटौती के साथ-साथ कर्मचारियों की छंटनी शुरू हो गई है। आईटी कंपनियां या तो अनुभवी कर्मियों को भर्ती करना चाहती है या फिर वेतन कटौती के उपायों पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं।

आर्थिक मंदी के इस आलम को देखते हुए देश की कुछ आईटी कंपनियों ने तो बंगाल परियोजना को हालात सुधरने तक टाल दिया है।

हालांकि वित्तीय उथलपुथल ने अभी तक कोलकाता के आईटी हब कहे जाने वाले साल्ट लेक सेक्टर-5 में पांव नहीं पसारा है लेकिन इसके बावजूद यह आम धारणा बनती जा रही है कि यहां प्रशिक्षुओं की नौकरियों का अंत होता जा रहा है।

आईटी कंपनियों के संगठन नैसकॉम ने भी यह आशंका जताई है कि आने वाले दिनों में युवा पेशेवरों के लिए परिस्थितियां और भी विकट हो सकती हैं।

नैसकॉम के अध्यक्ष सोम मित्तल ने बताया, ‘पिछले कुछ महीनों के आंकड़ों पर नजर डालें तो इस क्षेत्र में नौकरी दरों में 6-7 फीसदी की कमी आई है। ऐसा इसलिए भी हुआ है क्योंकि वैश्विक आर्थिक मंदी से बाजार की स्थिति बहुत खराब हो चुकी है। इससे आईटी सेक्टर में होने वाले काम पर भी प्रतिकूल असर पड़ेगा।’

पिछले साल के आंकड़ों को देखें तो आईटी सेक्टर में काम करने वाले कर्मियों की दर में करीब 15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी और कर्मियों की संख्या 20 लाख को भी पार कर गई थी।

नैसकॉम की उपाध्यक्ष संगीता गुप्ता ने बताया, ‘बेशक, मंदी के इस दौर में कर्मचारियों की वेतन वृध्दि भी प्रभावित होगी। यह आशंका जताई जा रही है कि पिछले साल जहां कर्मचारियों की वेतन वृध्दि 13-14 प्रतिशत हुई थी, अब वह घटकर एकल अंक में आ जाएगी।’


गौर करें, जादवपुर विश्वविद्यालय और बंगाल अभियांत्रिकी एवं विज्ञान विश्वविद्यालय, शिवपुर के नए स्नातकों की नौकरी शुरू करने की तारीख को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है, जिससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि आईटी सेक्टर कितने कठिन दौर से गुजर रहा है।

कोलकाता की सबसे बड़ी आईटी कंपनी विप्रो टेक्नोलॉजी ने इंजीनियरिंग स्नातकों को प्रोजेक्ट मैनेजर के रूप में ज्वाइन करने के बजाए अपने बिजनेस प्रोसेस ऑउटसोर्सिंग (बीपीओ) विभाग में ज्वाइन करने को कहा है।

एक छात्र ने बताया कि एक प्रोजेक्ट मैनेजर के रूप में छात्र सालाना 2.75-3.25 लाख रुपये वेतन की उम्मीद करता है ।

जबकि बीपीओ कर्मचारियों का वेतन घट कर 1.2-1.6 लाख रुपये सालाना हो गया है। विप्रो टेक्नोलॉजी के उपाध्यक्ष प्रदीप बहिरवानी ने स्पष्ट किया, ‘हम लोग छात्रों को अपनी बीपीओ विभाग एक विकल्प के रूप में दे रहे हैं ।

ताकि इंजीनियरिंग स्नातक बिना किसी देरी के काम शुरू कर सकें। मूल प्रस्ताव पत्र में यह शामिल किया गया है कि तकनीकी सहायता प्रभाग में भी समान वेतन पैकेज मुहैया कराया जाएगा।’

कोलकाता के आईटी सेक्टर में केवल 6 कंपनियां ही शीर्ष पर हैं, जिनमें टीसीएस, विप्रो, आईबीएम, कॉग्निजेंट, टेक महिंद्रा और एचएसबीसी इलेक्ट्रॉनिक डेटा प्रोसेसिंग शामिल हैं।

कोलकाता के सॉफ्टवेयर निर्यात में टीसीएस, आईबीएम और कॉग्निजेंट अकेले 70 फीसदी से ज्यादा योगदान देती है।

भारत की चौथी बड़ी सॉफ्टवेयर निर्यात सत्यम कंप्यूटर्स सर्विसेज ने कोलकाता में किसी तरह के निवेश से इनकार कर दिया है और कहा है कि आईटी सेज की स्थापना के लिए सरकार जब तक पर्याप्त जमीन मुहैया नहीं कराती है तब तक वे यहां निवेश नहीं करेगी।

राज्य के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री देवेश दास ने बताया, ‘आईटी में विस्तार के लिए हम लोग इन्फोसिस और विप्रो को अगल महीने 90 एकड़ जमीन मुहैया कराएंगे। सत्यम के लिए भी 25 एकड़ जमीन मुहैया कराने का प्रयास जारी हैं।’

First Published - December 2, 2008 | 9:07 PM IST

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