उत्तराखंड सरकार का कहना है कि सॉफ्टवेयर कंपनी सत्यम में हुए घोटाले के बावजूद राज्य में आपातकालीन प्रबंधन और शोध संस्थान (ईएमआरआई) की सेवाओं में किसी तरह की बाधा नहीं पहुंची है।
इस बाबत मुख्यमंत्री भुवन चंद खंडूड़ी ने बताया कि उत्तराखंड में ईएमआरआई सेवाओं में किसी तरह की रुकावट नहीं है। गौरतलब है कि ईएमआर्रआई सत्यम की सहायक कंपनी है। ऐसे में उत्तराखंड में सफल हो चुकी इस सेवा पर राजू की गिरफ्तारी के बाद सवाल उठाए जा रहें है।
खंडूड़ी का कहना है कि सरकारी अधिकारी ईएमआरआई-108 की आडिटिंग कर रहें है। ‘डायल 108’ सेवा का आकलन जल्द ही पूरा हो जाएगा। सत्यम के घाटे में चलने की बात सामने आने के बाद सरकार ईएमआरआई की ऑडिटिंग जल्द से जल्द करवाना चाहती है।
उत्तराखंड सरकार ने इस सेवा में 20-30 करोड़ रुपये का निवेश किया हुआ है। जिसके तहत राज्य में एक एंबुलेंस सेवा को संचालित किया जा रहा है। उत्तराखंड सरकार ने ‘डायल 108’ सेवा की शुरुआत पिछले साल सड़क दुर्घटनाओं में घायल होने वाले लोगों के लिए की थी।
पिछले साल ऐसी दुर्घटनाओं में लगभग 543 लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा बादलों के फटने और भू-स्खलन के चलते भी कई लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था।
इन सभी घटनाओं के मद्देनजर इस योजना को ईएमआरआई के सहयोग से चलाया जा रहा है।
इस सेवा की स्थापना सत्यम के प्रमुख राजू द्वारा की गई थी। इस योजना को चालू रखने के लिए सालाना 16 करोड़ रुपये की आवश्यकता पड़ती है जिसे सत्यम द्वारा उपलब्ध करवाया जाता है।
एक नोडल एंजेसी के तौर पर कार्य करते हुए ईएमआरआई पैरामेडिकल स्टाफ, पुलिस, फायर बिग्रेड, जान बचाने वाली दवाइयों, ऑक्सीजन सिलेंडर और फर्स्टएड की सेवा उपलब्ध करवाती है।
पीपीपी से किनारा
उत्तराखंड सरकार ने सार्वजनिक निजी साझेदारी (पीपीपी) के जरिए पुरानी पनबिजली परियोजनाओं के आधुनिकीकरण और पुनरोद्धार करने का फैसला किया था लेकिन सरकार की यह कवायद विभिन्न तबकों के विरोध के कारण परवान नहीं चढ़ती दिख रही है।
उत्तराखंड जल विद्युत निगत लिमिटेड (यूजेवीएनलए) ने खाटिमा, पाथेरी और मोहम्मदपुर पनबिजली परियोजना के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करनी शुरू कर दी है। इन परियोजनाओं की क्षमता क्रमश: 41.2 मेगावाट, 20.4 मेगावाट और 9.3 मेगावाट है।
इस कदम से माना जा रहा है कि सरकार निजी साझेदारी से किनारा कर रही है। यूजेवीएनएल के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि ‘हम इन परियोजनाओं के लिए डीपीआर तैयार कर रहे हैं।’