महाराष्ट्र विधान सभा का मानसूत्र सत्र शुरू हो चुका है और इस सत्र में राज्य सरकार विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) और निर्दिष्ट क्षेत्र विधेयक पेश करेगी।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को यह अनुमति देने से इनकार कर दिया था कि राज्य सरकार विभिन्न श्रम कानूनों के दायरे से सेज को अलग करेगी। यही वजह है कि इस सत्र में पेश किए जाने वाले विधेयकों की चमक थोड़ी फीकी पड़ गई है।
एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए महाराष्ट्र के मुख्य मंत्री विलासराव देशमुख ने बताया, ‘सरकार इस मानसून सत्र के दौरान विधान सभा में सेज और अन्य अधिसूचित क्षेत्र विधेयक को पेश करेगी। इसके अलावा कपास के बीजों की कीमत को नियंत्रित करने के लिए और धन उधारी व्यवहार पर नियंत्रण के लिए संशोधन विधेयक को भी पेश किया जाएगा।’
उल्लेखनीय है कि राज्य मंत्रिमंडल ने साल 2006 में ही इस विधेयक को पारित कर इसकी मंजूरी के लिए केंद्र सरकार के पास भेजा था। हालांकि दो सालों तक केंद्र और राज्य सरकार के बीच हुए पत्राचार के बाद केंद्र सरकार ने दो महीने पहले ही इस विधेयक को मंजूरी दे दी है। केंद्र सरकार ने टॉउन प्लानिंग एक्ट में दी गई राहत के खिलाफ राज्य सरकार को सलाह दी है।