उत्तर प्रदेश सरकार ने विशेष आर्थिक क्षेत्रों (एसईजेड)के लिए अपनी नीति में संशोधन करते हुए अब विकासकर्ता को कई सहूलियत दे दी हैं।
प्रदेश की चीनी मिलें अब बिना सरकार से अनुमति लिए शीरे से एथनॉल वना सकेंगी। वैट लागू होने के बाद बाजार में आई तेजी को देखते हुए ईंट भट्ठा मालिकों के लिए व्यापार कर विभाग ने एक मुश्त समाधान समाधान योजना लागू करने का फैसला किया है।
मायावती मंत्रिमंडल की आज हुई बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए जिनमें निजी व्यावसायिक शिक्षण संस्थाओं के लिए नयी नियमावली को मंजूरी, सर्राफा व्यापारियों के लिए व्यापार कर के विकल्प के रुप में शुरु की गयी एकमुश्त समाधान समाधान योजना को समाप्त करना और बरेली विकास प्राधिकरण के क्षेत्र को बढ़ाना प्रमुख है। मंत्रीमंडल ने एक महत्वपूर्ण फैसले में एसईजेड के विकासकर्ताओं के लिए डेवलपमेंट राइट एग्रीमेंट में बदलाव को मंजूरी दे दी है।
प्रदेश में बन रहे गंगा एक्सप्रेस वे के दोनो ओर विकसित किए जा रहे औद्योगकि गलियारों के विकास के मद्देनजर यह संशोधन महत्वपूर्ण होगा। राज्य सरकार ने चीनी मिल मालिकों की पुरानी मांग को मानते हुए आज एथनॉल के निर्माण को हरी झंडी दे दी है। पहले इसके लिए सरकार से मंजूरी लेनी पड़ती थी।
मंत्रीमंडल ने बाजार ऋण निर्गम के लिए प्रमुख सचिव वित्त को रिर्जव बैंक से बातचीत के लिए अधिकृत किया है। सरकार इस संदर्भ में औपचारिकताएं पूरी होने बाद जल्दी ही बांड इश्यू लाएगी। एक अन्य फैसले में राज्य सरकार ने निजी क्षेत्र में संचालित व्यवसायिक शिक्षण संस्थाओं के लिए नयी नियमावली बना दी है। नोयडा और ग्रेटर नोयडा में निर्माण कार्यों की जांच के लिए बनी विजय शंकर माथुर कमेटी का कार्यकाल समाप्त कर दिया है।
राज्य सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक एसईजेड विकासकर्ताओं की मांग पर किए गए बदलाव के बाद इन क्षेत्रों का तेजी से विकास होगा। तेजी से विकसित हो रहे बरेली शहर की जरुरतों को देखते हुए यहां विकास प्राधिकरण का अधिकार क्षेत्र बढ़ा दिया गया है।