facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

गन्ने की कमी से 15 वर्षो में सबसे छोटा पेराई सत्र

Last Updated- December 05, 2022 | 4:31 PM IST

उत्तर प्रदेश में चीनी कंपनियों का बुरा समय खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। गन्ना पेराई के लिहाज से चालू सत्र पिछले 15 वर्षो के दौरान सबसे छोटा साबित होने जा रहा है।


 उत्तर प्रदेश में चीनी मिलों ने बीते नवंबर में पेराई शुरू की थी और गन्ने की आवक में कमी के कारण मिलें अभी से पेराई बंद करने लगी हैं।


राज्य सरकार का अनुमान था कि चालू सत्र के दौरान 76 लाख टन गन्ने की पैदावार होगी। यह आंकड़ा बीते वर्ष के मुकाबले 10.27 प्रतिशत कम है।


बीते साल 84.7 लाख टन गन्ने का उत्पादन हुआ था। पेराई की शुरूआत के समय गन्ने की कीमत 1,375 रुपये प्रति क्विंटल थी


लेकिन उत्पादन मंी कमी के अनुमानों के बाद कीमतें चढ़कर 1,500 रुपये प्रति क्विंटल तक जा पहुंची।


उत्तर प्रदेश चीनी मिल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष और बिड़ला सुगर के सलाहकार सी बी पेट्रोदिया ने बताया कि ‘मिलों ने पेराई पहले ही बंद कर दी है।


यह पिछले 15 वर्षो के दौरान सबसे छोटा पेराई सत्र है। बीते वर्षो के औसत 150 दिन के पेराई सत्र के मुकाबले इस साल केवल 120 से 140 दिन ही पेराई हो सकती है।’


राज्य सरकार के साथ गन्ने की कीमत पर मतभेद के कारण मिलों ने इस साल एक महीने की देरी से पेराई शुरू की।


खरीद में देरी के कारण मई किसानों ने कम दाम पर अपनी फसल को गुड़ बनाने वाली इकाइयों को बेच दिया। गेहूं की बुआई के लिए गन्ने की फसल काटनी जरूरी थी।


देश की सबसे बड़ी चीनी कंपनी बजाज हिंदुस्तान के मुख्य कार्याधिकारी राकेश भरतिया ने बताया कि ‘खासतौर से मध्य उत्तर प्रदेश में चीनी मिलों ने 15 मार्च से पेरोई बंद कर दी है।


गन्ने के गुड़ इकाइयों की ओर चल जाने से मिलों में आपूर्ति बाधित हुई है। ये इकाइयां अक्टूबर में शुरू हुई थीं।’


उन्होंने बताया कि नई इकाइयों के शुरू होने से भी आपूर्ति प्रभावित हुई है। कई जगह पर मिलें पिछले कुछ दिनों के दौरान क्षमता से कम काम ही कर रहीं हैं।


अजय और विक्रम श्रीराम के नियंत्रण वाले डीएससीएल ने पहले ही पेराई बंद कर दी है।


कंपनी के उपाध्यक्ष और वरिष्ठ प्रबंध निदेशक अजय श्रीराम ने बताया कि उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश नहीं हुई है। इसके अलावा गर्मी बढ़ने से भी गन्ने की आवक प्रभावित हुई है।

First Published - March 11, 2008 | 8:16 PM IST

संबंधित पोस्ट