लखनऊ में नौकरी की तलाश करने वाले लोगों की दिनों-दिन बढ़ती तादाद की वजह से नौकरी परामर्शदाता और प्लेसमेंट एजेंसियों की चांदी हो गई है।
इन प्लेसमेंट एजेंटों से कोई भी व्यक्ति शहर भर में मौजूद विभिन्न नौकरियों में रिक्त स्थान के बारे में पता लगा सकता है।
ग्लोबल कंसल्टेंट एंड इंजीनियर्स के एस पी द्विवेदी ने बताया, ‘नौकरी की तलाश करने वाला एक बुध्दिमान व्यक्ति सभी संभावित विकल्पों का उपयोग करता है।
मसलन वह व्यक्ति नौकरी की खोज के लिए समाचार पत्रों के वर्गीकृत विज्ञापन, कॉलेज प्लेसमेंट सर्विस, परिवार के दोस्तों, व्यापारिक संपर्क और रोजगार एजेंसियों को खंगाल डालता है। हालांकि इन सभी में रोजगार एजेंसी सबसे बेहतर विकल्प है।
ऐसा इसलिए भी है क्योंकि रोजगार एजेंसियों के पास छोटे से लेकर बड़े सभी कंपनियों और उद्योगों के बारे में सही-सही जानकारी होती है।’
द्विवेदी ने बताया, ‘किसी कंपनी का नियोक्ता यह अच्छी तरह जानता है कि अगर कोई रोजगार एजेंसी किसी उम्मीदवार को भेजी है तो इसका मतलब है कि वह उम्मीदवार कंपनी के स्क्रीनिंग मानदंडों को पार कर चुका है।’
शहर भर में करीब सौ से अधिक प्लेसमेंट एजेंसियां हैं। लखनऊ प्लेसमेंट कंसल्टेंसी के निदेशक मनोहर लाल ने बताया, ‘रोजगार प्लेसमेंट एजेंसी का मुख्य काम कंपनी की जरूरतों के हिसाब से उम्मीदवारों को फिल्टर करना होता है।
हम लोग सप्ताह में दो बार उम्मीदवारों का साक्षात्कार करते हैं। अगर वे कंपनी की जरूरतों पर खड़े उतरते हैं तो हम उम्मीदवार के बॉयोडेटा को सीधे कंपनियों पास भेज देते हैं।’
एक छात्र ने बताया, ‘रोगजार एजेंसी के रूप में कई सारी ऑन लाइन पोर्टल भी खुल गई हैं लेकिन उस पर बॉयोडेटा भेजने के बाद महीनों भर इंतजार करना पड़ता है।’
द्विवेदी ने बताया, ‘हमारी एजेंसी की खास बात यही है कि हम उम्मीदवारों से व्यक्तिगत रूप से बातचीत करते हैं और पूरी कोशिश करते हैं कि उन्हें रोगजार मिल जाए।’