केंद्रीय सूक्ष्म, लघु व मझोले मंत्रालय (एमएसएमई) के राज्य मंत्री भानु प्रताप वर्मा ने कारोबारियों को उनकी समस्याओं को दूर करने का आश्वासन दिया है। वर्मा ने कारोबारियों की सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम की व्यवस्था करने की मांग पूरी करने का भरोसा दिया। भारतीय उद्योग व्यापार मंडल द्वारा आज आयोजित राष्ट्रीय व्यापारी दिवस समारोह में कारोबारियों ने जीएसटी, खाद्य सुरक्षा, आवश्यक जिंस अधिनियम, हॉलमार्किंग आदि मसलों पर चर्चा कर इनमें आ रही समस्याओं को केंद्र सरकार के मंत्रियों के सामने रखा।
मंडल के सचिव हेमंत गुप्ता ने बताया कि कारोबारियों ने समारोह के दौरान एमएसएमई राज्य मंत्री भानु प्रताप वर्मा के सामने अब कारोबारियों के भी एमएसएमई परिभाषा में शामिल होने का हवाला देकर मंत्रालय के अधीन तमाम जरूरी मंजूरियों के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम बनाने की मांग रखी। जिस पर वर्मा ने भरोसा दिया कि वे अधिकारियों के साथ चर्चा कर इस दिशा में कदम उठाएंगे। कारोबारियों की भी अधिकारियों के साथ बैठक कराएंगे। साथ ही कारोबारियों को आ रही दूसरी समस्याओं को भी दूर करेंगे।
समारोह में कारोबारियों ने छोटे कारोबारियों को विनिर्माण इकाइयों की तरह रियायती दर पर कर्ज देने की गुहार लगाई। जिस पर भी वर्मा ने विचार करने की बात कही। समारोह में कारोबारियों ने कहा कि जीएसटी में सरकार 150 से अधिक संशोधन कर चुकी है। ऐसे में कारोबारियों से भी कई बार गलती हो जाती है। इसे सुधारने का मौका कारोबारियों को मिलना चाहिए। लेकिन अधिकारी गलती होने पर जुर्माना लगा देते हैं। कारोबारियों ने जीएसटी संबंधी इन गलतियों पर राहत मिलने और आवश्यक खाद्य पदार्थों को जीएसटी दायरे में लाना आदि समस्याओं को केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य व सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री अश्विनी चौबे, केंद्रीय संसदीय मामले और पर्यटन मंत्री अर्जुनराम मेघवाल और एमएसएमई राज्य मंत्री वर्मा के सामने रखा। गुप्ता ने कहा कि सभी केंद्रीय मंत्रियों ने कारोबारियों की समस्याओं का समाधान करने का भरोसा दिया।