वैश्वीकरण और मुक्त बाजार व्यवस्था के चलते देश के संगठित रिटेल सेक्टर में बहुराष्ट्रीय कंपनियों के आने की संभावना के चलते छोटी रिटेल कंपनियों ने एनसीआर व मेट्रो शहरों के बाद अपने नेटवर्क को फैलाना शुरु कर दिया है।
भारत में रिटेल क्षेत्र में आते उछाल को देखते अमेरिकी कंपनी वालमार्ट यहां पहले ही भारती एयरटेल के साथ करार कर चुकी है। यही नहीं ब्रिटेन की स्पेंसर भी भारत में आने का मन बना चुकी है।
बाजार विश्लेषकों का मानना है कि छोटे खुदरा व्यापारियों से मिली प्रतिस्पर्धा के बाद अब इन छोटी संगठित कंपनियों को इन बहुराष्ट्रीय कंपनियों से भी जूझने की तैयारी करनी पड़ेगी। रिटेल विश्लेषक अंकित बजाज कहते है कि संगठित खुदरा कंपनियों के भारत में सफल होने का प्रमुख कारण है इन स्टोरो में उत्पादों की कीमतों का खुदरा व्यापारियों की दुकानों की अपेक्षा कम होना।
यही नहीं हमारे देश में रोजाना प्रयोग की ज्यादातर वस्तुएं असंगठित क्षेत्र की खुदरा व्यापारियों के द्वारा ही प्राप्त की जाती है। इसलिए आने वाले समय में इन कंपनियों के लिए भारत में काफी संभावनाएं है। इस बाबत वी मार्ट प्राइवेट लिमिटेड के प्रंबध निदेशक ललित अग्रवाल का कहना है कि भारत में होते विकास के चलते रिटेल क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं।
हम अपने रिटेल स्टोरों में ग्राहकों को ब्रांडेड वस्तुएं कम कीमत के साथ प्रदान करते हैं। यही कारण है कि हम आज बाजार में सफल हो रहें हैं। इसके अलावा अपनी नेटवर्किंग सुधारने और उपभोक्ताओं तक अपनी पहुंच को बढ़ाने और सेवाओं को देने हम तकनीकी सुधार की कोशिश भी कर रहें हैं।
कुटोंस रिटेल इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष डीपीएस कोहली का कहना है कि आज के उपभोक्ता को आकर्षित करने का सीधा मंत्र है ‘फैशन,गुणवत्ता और उचित कीमत’। अगर आप उपभोक्ता को ये सारी चीजें एक ही स्थान में दे रहे हैं तो निश्चित तौर पर उपभोक्ता आपके पास बार-बार आएंगे।