मंदी के इस दौर में जहां रियल एस्टेट की कंपनियों के सामने मांग का संकट और नकदी की समस्या मुंह फैलाए सामने खड़ी है वहीं छोटे मकानों के लिए मांग का कोई संकट नही है।
आज भी छोटे मकानों की मांग बाजार में बदस्तूर बनी हुई है। लखनऊ विकास प्राधिकरण ने अपनी गोमतीनगर योजना के लिए दुर्बल आय वर्ग के मकानों का पंजीकरण शुरु किया तो आशा से कहीं ज्यादा लोगों ने अपना पंजीकरण कराया है।
कुल 350 ईडब्लूएस मकानों के लिए खोले गए पंजीकरण में 6000 से ज्यादा लोगों ने फार्म खरीदकर पंजीकरण धनराशि जमा की है। तुर्रा यह कि इसी योजना में जब प्राधिकरण ने बहुमंजिले अपार्टमेंट के लिए पंजीकरण खोला तो उसमें आशा के विपरीत कम ही लोगों ने रुचि दिखायी।
प्राधिकरण प्रशासन ने रिवर व्यू अपार्टमेंट बनाने की योजना के साथ ही दो, तीन और चार बेडरुम के फ्लैट के लिए पंजीकरण खोला था।
इनकी कीमत 16 लाख रुपये से लेकर 32 लाख रुपये तक रखी गई थी। आशा के विपरीत इन भवनों के पंजीकरण के लिए केवल 40 लोगों ने ही अपनी रुचि दिखाई।
अब प्राधिकरण प्रशासन का कहना है कि जितने लोगों ने पंजीकरण कराया है केवल उन्हीं के लिए भवन बनाए जाएंगे। ईडब्लूएस मकानों की लोकप्रियता को देखते हुए हालांकि प्राधिकरण प्रशासन ने अभी तो नए पंजीकरण की शुरुआत नही की है पर आने वाले दिनों में इसकी संभावना से इनकार नही किया जा सकता है।
इसी तरह जब राज्य सरकार ने कांशीराम शहरी आवास योजना के लिए पंजीकरण खोला था तो उसे भी लोगों का जबरदस्त रिस्पांस मिला था।